Kartik Purnima 2023: नवंबर में इस दिन मनाई जाएगी कार्तिक पूर्णिमा, जानिए तिथि और महत्व
Kartik Purnima 2023 Date हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है। कई साधक इस दिन व्रत आदि भी करते हैं। इस साल 29 अक्टूबर से कार्तिक माह की शुरुआत हो चुकी है। कार्तिक माह भगवान विष्णु जी का प्रिय माह भी माना गया है। ऐसे में आइए जानते हैं की कार्तिक माह की पूर्णिमा कब पड़ रही है।
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Kartik Purnima vrat 2023: पूर्णिमा तिथि भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित मानी गई है। साथ ही इस तिथि पर पवित्र नदी में स्नान करने और दान आदि करने का विशेष महत्व है। यह सभी कर्म बहुत-ही पुण्य फलदायी माना गया है। ऐसा करने से व्यक्ति के सारे पाप कट जाते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कार्तिक पूर्णिमा की तिथि और शुभ मुहूर्त।
कार्तिक पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त (Kartik Purnima 2023 Shubh muhurat)
कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि का प्रारम्भ 26 नवम्बर को दोपहर 03 बजकर 53 मिनट पर हो रहा है। साथ ही इसका समापन 27 नवम्बर दोपहर 02 बजकर 45 मिनट पर होगा। ऐसे में कार्तिक माह की पूर्णिमा 27 नवम्बर को मनाई जाएगी।
यह भी पढ़ें - Dhanteras 2023: धनतेरस पर क्यों जलाया जाता है यम का दीपक, जानिए इसका सही तरीका और शुभ मुहूर्त
कार्तिक पूर्णिमा का महत्व (Kartik Purnima Importance)
हिंदू धर्म में माना गया है कि पूर्णिमा तिथि पर भगवान सत्यनारायण जी की पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति को शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पूर्णिमा तिथि पर ही भगवान विष्णु ने पृथ्वी को जल प्रलय से बचाने के लिए मत्स्य (मछली) के रूप अवतार लिया था।
यह भी माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का संहार किया था। ऐसे में यदि आप कार्तिक पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी जैसे गंगा आदि में स्नान करते हैं तो इससे आपके जन्म-जन्म के पाप कट जाते हैं। साथ ही इस तिथि पर जरूरतमंदों को दान देने का भी विशेष महत्व है।
WhatsApp पर हमसे जुड़ें. इस लिंक पर क्लिक करें
इन बातों का रखें ध्यान
- कार्तिक पूर्णिमा के दिन घर से किसी गरीब, जरूरतमंद, को खाली हाथ न लौटाएं।
- कार्तिक पूर्णिमा के दिन बड़े-बुजुर्गों का अपमान न करें।
- कार्तिक पूर्णिमा के दिन सूर्योदय से पहले उठकर पवित्र नदी में स्नान जरूर करें, यदि ऐसा संभव न हो तो पानी में गंगाजल डालकर भी स्नान कर सकते हैं।
- कार्तिक पूर्णिमा के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें।
- कार्तिक पूर्णिमा के दिन भूलकर भी लहसुन, प्याज, मांस-मदिरा आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।
डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।