Kartik 2025: कार्तिक माह में जरूर करें तुलसी से जुड़े ये उपाय, मिलेगा कई समस्याओं का हल
कार्तिक का महीना भगवान विष्णु की उपासना के साथ-साथ तुलसी पूजन के लिए भी विशेष माना गया है। इस पूरे महीने में यदि आप तुलसी से जुड़े कुछ उपाय (Tulsi Ke upay) करते हैं तो इससे आपको जीवन में अद्भुत लाभ देखने को मिल सकता है। चलिए जानते हैं इस बारे में।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में तुलसी का पौधा विशेष महत्व रखता है है। माना जाता है कि रोजाना तुलसी की पूजा करने व जल चढ़ाने से साधक पर मां लक्ष्मी की भी कृपा बनी रहती है। कार्तिक माह में तुलसी का महत्व और भी बढ़ जाता है, क्योंकि तुलसी भगवान विष्णु को अति प्रिय है। इस बार कार्तिक का महीना (Kartik month 2025) 7 अक्टूबर से शुरू हो चुका है। ऐसे में आप इस माह में भगवान विष्णु की कृपा प्राप्ति के लिए ये उपाय कर सकते हैं।
जरूर करें ये काम
कार्तिक माह में रोजाना सुबह-शाम तुलसी की पूजा-करें और जल चढ़ाएं। इसके साथ ही शाम के समय तुलसी के पास घी का दीपक भी जरूर जलाएं। इसके साथ ही 7 बार तुलसी की परिक्रमा करें और तुलसी मंत्रों का जप करें। इससे आपक ऊपर प्रभु श्रीहरि के साथ-साथ मां लक्ष्मी की भी कृपा बनी रहती है।
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मिलेगी भगवान विष्णु की कृपा
हिंदू धर्म में कार्तिक माह में भगवान विष्णु की पूजा के दौरान उनके भोग में तुलसी जरूर शामिल करें, क्योंकि तुलसी के बिना उनका भोग अधूरा माना जाता है। ऐसा करने पर आपको पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होता है और जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
करें इन मंत्रों का जप
1. कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने। प्रणत क्लेशनाशाय गोविन्दाय नमो नम:
2. महाप्रसाद जननी सर्व सौभाग्यवर्धिनी, आधि व्याधि हरा नित्यं तुलसी त्वं नमोस्तुते
भगवान विष्णु के मंत्र -
3. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः
4. ॐ वासुदेवाय विघ्माहे वैधयाराजाया धीमहि तन्नो धन्वन्तरी प्रचोदयात् ||
रखें इन बातों का ध्यान
इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखें कि रविवार, एकादशी, अमावस्या और ग्रहण के दिन तुलसी में जल देने और न उसके पत्ते उतारने से बचना चाहिए। साथ ही सूर्यास्त के बाद तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए और न ही पूजा-अर्चना करनी चाहिए। कभी भी गंदे या फिर जूठे हाथों से तुलसी को न छुएं। ऐसा करने से आपको धन की देवी की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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