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    Kark Sankranti 2025: कब मनाई जाएगी कर्क संक्रांति? यहां जानें शुभ मुहूर्त एवं योग

    Updated: Mon, 23 Jun 2025 04:50 PM (IST)

    ज्योतिषियों की मानें तो मेष राशि (Kark Sankranti 2025 Date) के जातकों पर सूर्य देव की विशेष कृपा बरसती है। इस राशि के जातक कारोबार में उत्तम करते हैं। सूर्य देव की कृपा से जातक को करियर में मनमुताबिक सफलता मिलती है। इस शुभ तिथि पर दान-पुण्य करने से जातक पर सूर्य देव की कृपा बरसती है।

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    Kark Sankranti 2025: सूर्य देव को कैसे प्रसन्न करें?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में संक्रांति तिथि का बेहद खास महत्व है। यह पर्व हर महीने सूर्य देव के राशि परिवर्तन करने की तिथि पर मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर आत्मा के कारक सूर्य देव की पूजा की जाती है। साथ ही दान-पुण्य किया जाता है।

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    धार्मिक मत है कि सूर्य देव की पूजा करने से करियर संबंधी परेशानी दूर होती है। साथ ही सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है। संक्रांति तिथि पर श्रद्धालु गंगा नदी में स्नान करते हैं। आइए, कर्क संक्रांति की डेट एवं शुभ मुहूर्त जानते हैं-

     

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    सूर्य राशि परिवर्तन (Surya Gochar 2025)

     

    वर्तमान समय में सूर्य देव मिथुन राशि में विराजमान हैं। इस राशि में सूर्य देव 15 जुलाई तक रहेंगे। इसके अगले दिन सूर्य देव मिथुन राशि से निकलकर कर्क राशि में गोचर करेंगे। सूर्य देव 16 जुलाई को शाम 05 बजकर 40 मिनट पर कर्क राशि में गोचर करेंगे। इस राशि में सूर्य देव एक महीने तक रहेंगे। इसके बाद सूर्य देव कर्क राशि से निकलकर सिंह राशि में गोचर करेंगे।

     

    कर्क संक्रांति शुभ मुहूर्त (Kark Sankranti Shubh Muhurat)

     

    सूर्य देव के कर्क राशि में गोचर करने की तिथि पर कर्क संक्रांति मनाई जाती है। इस प्रकार 16 जुलाई को कर्क संक्रांति मनाई जाएगी। इस दिन पुण्य काल सुबह 05 बजकर 40 मिनट से लेकर शाम 05 बजकर 40 मिनट तक है। वहीं, महा पुण्य काल दोपहर 03 बजकर 22 मिनट से लेकर शाम 05 बजकर 40 मिनट तक है।

     

     

    कर्क संक्रांति शुभ योग (Kark Sankranti Shubh Yog)

     

    ज्योतिषियों की मानें तो कर्क संक्रांति पर कई मंगलकारी योग बन रहे हैं। कर्क संक्रांति पर शोभन योग का संयोग 11 बजकर 57 मिनट तक है। इसके साथ ही पूर्व भाद्रपद और उत्तर भाद्रपद का संयोग बन रहा है। इन योग में सूर्य देव की पूजा करने से आरोग्यता का वरदान प्राप्त होगा।

     

    पंचांग

     

    सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 34 मिनट पर
    सूर्यास्त - शाम 07 बजकर 20 मिनट पर
    चन्द्रोदय- रात 10 बजकर 57 मिनट पर
    चंद्रास्त- सुबह 10 बजकर 46 मिनट पर
    ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 12 मिनट से 04 बजकर 53 मिनट तक
    विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 45 मिनट से 03 बजकर 40 मिनट तक
    गोधूलि मुहूर्त - शाम 07 बजकर 19 मिनट से 07 बजकर 40 मिनट तक
    निशिता मुहूर्त - रात 12 बजकर 07 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक

     

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    यह भी पढ़ें: अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।