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    Kanya Sankranti 2025: कन्या संक्रांति के दिन जरूर करें ये काम, मिलेगी सूर्य देव की कृपा

    Updated: Tue, 16 Sep 2025 03:16 PM (IST)

    सूर्य देव को आत्मा और पिता का कारक माना गया है। कन्या संक्रांति के दिन सूर्य देव की पूजा करने का विशेष महत्व माना गया है। साथ ही इस दिन स्नान-दान तप और श्राद्ध अनुष्ठान करने का भी विशेष फल प्राप्त होता है। ऐसे में आपको इस दिन पर विशेष कार्य जरूर करने चाहिए ताकि सूर्य देव की कृपा से आपको अच्छे परिणाम मिल सकें।

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    Kanya Sankranti 2025 कन्या संक्रांति के दिन क्या करना चाहिए?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सूर्य देव के 12 राशियों में प्रवेश करने के आधार पर साल में कुल 12 संक्रांति मनाई जाती हैं। जब सूर्य देव कन्या राशि में प्रवेश करते हैं, तो इसे 'कन्या संक्रांति' (Kanya Sankranti 2025) के रूप में मनाया जाता है। 

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    इस बार कन्या संक्रान्ति 17 सिंतबर को मनाई जाएगी। ऐसे में अगर आप इस दिन पर कुछ विशेष कार्य करते हैं, तो इससे आपको सूर्य देव की कृपा की प्राप्ति हो सकती है, साथ ही इससे कुंडली में भी सूर्य की स्थिति मजबूत होती है।

    कन्या संक्रांति शुभ मुहूर्त

    • कन्या संक्रांति पुण्य काल - सुबह 6 बजकर 7 मिनट से दोपहर 12 बजकर 15 मिनट तक
    • कन्या संक्रांति महा पुण्य काल - सुबह 6 बजकर 7 मिनट से सुबह 8 बजकर 10 मिनट तक
    • कन्या का समय - देर रात 1 बजकर 55 मिनट से

    (Picture Credit: Freepik) (AI Image)

    इस तरह दें सूर्य देव को अर्घ्य

    कन्या संक्रांति के दिन सूर्योदय से पहले उठें और स्नान आदि से निवृत हो जाएं। इसके बाद एक तांबे के लोटे में जल लेकर उसमें लाल फूल और रोली डालें। इसके बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें। इस दौरान ॐ सूर्याय नम: या  ॐ घृणि सूर्याय नमः मंत्र का जप करते रहें। 

    करें इन चीजों का दान (Kanya Sankranti 2025 Daan)

    कन्या संक्रांति के दिन सुबह जल्दी उठकर पवित्र नदी में स्नान करें। अगर ऐसा करना संभव नहीं है, तो घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। इसके बाद गरीबों व जरूरतमंद लोगों के बीच अपनी क्षमता के अनुसार गेहूं, लाल चंदन, लाल फल और फूल, केसर, लाल वस्त्र, और गुड़ आदि का दान करें। ऐसा करने से साधक को सूर्य देव की कृपा प्राप्त हो सकती है। साथ ही कुंडली में सूर्य की स्थिति भी मजबूत होती है। 

    सूर्य देव के मंत्र

    1. ॐ सूर्यनारायणायः नमः।

    2. ऊँ घृणि सूर्याय नमः

    3. सूर्य ग्रह के 12 मंत्र -

    ॐ आदित्याय नमः।

    ॐ सूर्याय नमः।

    ॐ रवेय नमः।

    ॐ पूषणे नमः।

    ॐ दिनेशाय नमः।

    ॐ सावित्रे नमः।

    ॐ प्रभाकराय नमः।

    ॐ मित्राय नमः।

    ॐ उषाकराय नमः।

    ॐ भानवे नमः।

    ॐ दिनमणाय नमः।

    ॐ मार्तंडाय नमः।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।