Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Kanwar Yatra 2025: पहली बार ले जा रहे हैं कांवड़, तो नोट करें पूजा सामग्री और नियम

    Updated: Fri, 04 Jul 2025 10:23 AM (IST)

    कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra 2025) हर साल शिव भक्तों द्वारा धूमधाम और भक्ति के साथ मनाई जाती है। यह पवित्र यात्रा भगवान शिव को समर्पित है। इसमें शामिल होने से भक्तों के सभी कष्टों का अंत होता है। वैदिक पंचांग के अनुसार इस साल यह यात्रा 11 जुलाई से शुरू हो रही है।

    Hero Image
    Kawad Yatra Samagri 2025: कांवड़ यात्रा पूजा सामग्री।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। कांवड़ यात्रा शिव भक्तों के लिए बहुत खास होती है। यह बेहद पुण्यदायी यात्रा है, जिसमें भक्त विभिन्न पवित्र स्थानों जैसे हरिद्वार, गोमुख, देवघर आदि से गंगाजल भरकर पैदल यात्रा करते हुए शिव मंदिरों तक पहुंचते हैं और उस जल से भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं। ऐसे अगर आप पहली बार कांवड़ यात्रा (Kawad Yatra 2025) पर जाने की सोच रहे हैं, तो आइए इस आर्टिकल में इससे जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं, जो इस प्रकार हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कांवड़ यात्रा पूजा सामग्री (Kawad Yatra Samagri 2025)

    • गंगाजल ले जाने के लिए पात्र - यह पीतल, तांबे या प्लास्टिक का पात्र हो सकता है, जिसे सावधानी से ले जाया जाता है।
    • भगवान शिव की छोटी प्रतिमा या तस्वीर - इसे कांवड़ के साथ रखा जा सकता है।
    • धूप-बत्ती और माचिस - रास्ते में या पड़ाव पर शिवजी की पूजा के लिए।
    • कपूर - आरती के लिए।
    • रुद्राक्ष की माला - जप के लिए।
    • चंदन, भस्म या गोपी चंदन - शिवजी को लगाने के लिए।
    • एक छोटा घंटा - आरती या पूजा के समय बजाने के लिए।
    • फूल - सफेद रंग के फूल।
    • पूजा की थाली - इन सभी सामग्री को रखने के लिए।
    • साफ वस्त्र - सफाई के लिए।

    कांवड़ यात्रा के नियम (Kawad Yatra Samagri 2025 Rules)

    • कांवड़ यात्रा के दौरान पूर्ण सात्विकता का पालन करना चाहिए।
    • यात्रा के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
    • जब तक आप शिव मंदिर नहीं पहुंच जाते और जलाभिषेक नहीं कर देते, तब तक कांवड़ को सीधे जमीन पर नहीं रखना चाहिए। अगर आराम करना है, तो उसे किसी पेड़ पर या किसी साफ स्थान पर टांग दें।
    • यात्रा के दौरान जोर से बोलना, अपशब्दों का प्रयोग करने से बचें।
    • पूरी यात्रा के समय शिव भजन और मंत्रों का जप करें।
    • रास्ते में अन्य कांवड़ यात्रियों की मदद करें और सेवा का भाव रखें।
    • सफाई का पूरा दें।
    • यात्रा शुरू करने से पहले भगवान शिव के प्रति अपनी श्रद्धा और यात्रा को सफल बनाने का संकल्प लें।

    शिव पूजन मंत्र (Shiv Pujan Mantra)

    • ॐ नमः शिवाय॥
    • ॐ नमो भगवते रुद्राय नमः॥
    • ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥
    • ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

    यह भी पढ़ें: Chaturmas 2025: 3 दिन बाद लग जाएगा चातुर्मास, तुलसी से जुड़े करें ये उपाय, घर की दरिद्रता होगी दूर

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।