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    Kanwar Yatra 2024: कांवड़ यात्रा में भूलकर भी न करें ये गलतियां, वरना भगवान शिव होंगे नाराज

    Updated: Wed, 10 Jul 2024 11:03 AM (IST)

    सावन के महीने में भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा-अर्चना करने का विधान है। धार्मिक मान्यता के अनुसार भगवान शिव महज जलाभिषेक से प्रसन्न हो जाते हैं। कांवड़ यात्रा के समापन में अधिक संख्या में श्रद्धालु भगवान शिव का अभिषेक करते हैं। माना जाता है कि कांवड़ यात्रा के दौरान कुछ गलतियों करने से महादेव नाराज हो सकते हैं। आइए जानते हैं कांवड़ यात्रा के नियम के बारे में।

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    Kanwar Yatra 2024: कांवड़ यात्रा के नियम

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Kanwar Yatra Kab Se Shuru Hai: सावन का महीना देवों के देव महादेव को समर्पित है। इस महीने में भगवान शिव और मां पार्वती की विशेष पूजा-अर्चना करने का विधान है। साथ ही कांवड़ यात्रा की शुरुआत होती है। यात्रा के दौरान शिव भक्तों में बेहद खास उत्साह देखने को मिलता है। कांवड़ियां हरिद्वार से गंगाजल लाकर सावन शिवरात्रि पर अपने क्षेत्र के शिव मंदिरों में विराजमान में शिवलिंग का जलाभिषेक कर उपासना करते हैं।

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    कांवड़ यात्रा के नियम (Kanwar Yatra Ke Niaym)

    • यात्रा के दौरान कांवड़ को जमीन पर नहीं रखना चाहिए। अगर आपको विश्राम या शौच आदि कार्य के लिए रुकना पड़े, तो कांवड़ को ऊंचे स्थान पर रखें।
    • इसके अलावा बिना स्नान करे कांवड़ को छूना वर्जित है।
    • कांवड़ यात्रा के दौरान मांस, मदिरा और तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए। भक्ति भाव के साथ यात्रा करनी चाहिए।
    • किसी के प्रति मन से गलत विचार धारण नहीं करने चाहिए।

    कब से शुरू हो रहा सावन (Sawan 2024 Start Date And End Date)

    पंचांग के अनुसार, आषाढ़ पूर्णिमा 21 जुलाई को पड़ रही है। इसके अगले दिन यानी 22 जुलाई से सावन का महीना शुरू होगा। साथ ही इसका समापन 19 अगस्त 2024 को होगा। 

    इस दिन से शुरू होगी कांवड़ यात्रा 2024 (Kanwar Yatra 2024 Start And End Date)

    पंचांग के अनुसार, इस बार कांवड़ यात्रा की शुरुआत 22 जुलाई 2024 से होगी। वहीं, इसका समापन 02 अगस्त 2024 यानी सावन शिवरात्रि के दिन होगा।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।