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    Kamakhya Temple: इन 3 दिनों के लिए बंद रहता है मंदिर का कपाट, बंटता है अनोखा प्रसाद!

    Updated: Thu, 27 Feb 2025 12:22 PM (IST)

    कामाख्या मंदिर गुवाहाटी में स्थित है। यह मां कामाख्या को समर्पित है। ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर में 3 बार दर्शन करने से व्यक्ति के सभी पाप कट जाते हैं। साथ ही मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। वहीं कामाख्या मंदिर (Kamakhya Devi Temple Secrets) को लेकर अनगिनत रहस्य हैं जिनमें से कुछ के बारे में आज हम आपको बताएंग जो इस प्रकार हैं।

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    Kamakhya Temple: नदी का जल हो जाता है लाल।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। भारत में ऐसे कई मंदिर हैं, जिनकी महिमा निराली है। इन्हीं चमत्कारी और रहस्मयी धाम में से एक कामाख्या मंदिर है। यह गुवाहाटी में स्थित है और यह 51 देवी शक्तिपीठ में से भी एक है। इस मंदिर को लेकर लोगों के बीच गहरी आस्था और मान्यताएं हैं। यह पवित्र धाम देवी शक्ति यानी मां कामाख्या को समर्पित है। ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर में एक बार दर्शन करने से व्यक्ति के सभी पाप धुल जाते हैं। साथ ही सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है।

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    यह धाम अघोरियों और तांत्रिक का गढ़ भी माना जाता है। यही वजह है कि यहां दूर-दूर से तांत्रिकों की भीड़ उमड़ती है। वहीं, आज हम इस धाम (Kamakhya Temple) से जुड़े कुछ रहस्यों के बारे में बताएंगे, जिन्हें जानकर आपको भी हैरानी होगी, तो आइए यहां जानते हैं।

    नदी का जल हो जाता है लाल (Why River Water Turns Red?)

    ऐसा कहा जाता है कि यहां ब्रह्मपुत्र नदी के पानी का रंग 3 दिनों के लिए लाल हो जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह तब होता है, जब देवी कामाख्या रजस्वला होती हैं। इस दौरान पूरे नदी का पानी लाल हो जाता है। इसके साथ ही इस दौरान मंदिर के कपाट भी बंद रहते हैं। वहीं, इस समय मंदिर में किसी को भी जाने की मनाही होती है। हालांकि इस अवधि के बाद भक्त बिना किसी बाधा के देवी के दर्शन प्राप्त कर सकते हैं।

    मिलता है अनोखा प्रसाद

    कामाख्या धाम में भक्तों को एक खास प्रसाद भी दिया जाता है। दरअसल, जब देवी रजस्वला में रहती हैं, तब तीन दिनों के लिए देवी के दरबार में सफेद कपड़ा रखा जाता है, जो तीन दिन के बाद लाल हो जाता है। इसके बाद इसे भक्तों को प्रसाद के रूप में दिया जाता है।

    दिव्य कुंड है विराजमान

    इस महापीठ (Kamakhya Temple significance) में माता की प्रतिमा स्थापित नहीं है, बल्कि यहां पर एक दिव्य कुंड विराजमान है, जिसे फूलों से ढक कर रखा जाता है। कहा जाता है कि यह कुंड देवी सती की योनि का भाग है। कहते हैं कि जाता है कि इस कुंड में से हमेशा जल का रिसाव होता है।

    माना जाता है कि इस मंदिर के 3 बार दर्शन करने से व्यक्ति को सभी तरह की सांसारिक मोह-माया से मुक्ति मिल जाती है।

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    Source 

    • Incredibleindia: https://www.incredibleindia.gov.in/en/assam/guwahati/kamakhya-temple

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।