Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Kalava Utarne Ke Niyam: नए साल से पहले इस दिन उतारे कलावा, यहां पढें इसके नियम और आध्यात्मिक लाभ

    सनातन धर्म में पूजा के दौरान हाथ में कलावा बांधने की परंपरा प्राचीन समय से चली आ रही है। यह लाल और पीले रंग का होता है जो हमेशा ऊर्जा को आकर्षित करने का काम करता है। धार्मिक मान्यता है कि कलावा (Kalava Utarne Ke Niyam) बांधने से इंसान को ब्रह्मा और विष्णु की कृपा प्राप्त होती है लेकिन इसके नियम का पालन करना अधिक जरुरी होता है।

    By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Tue, 17 Dec 2024 01:54 PM (IST)
    Hero Image
    Kalava Utarne Ke Niyam: कैसे हुई कलावा बांधने की शुरुआत?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन शास्त्रों में कलावा (Kalava Rituals) का अधिक महत्व बताया गया है। हाथ पर कलावा बांधने की शुरुआत मां लक्ष्मी से जुड़ी है। इसे रक्षा सूत्र के नाम से जाना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इसको बांधने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और इंसान को ब्रह्मा, विष्णु, और महेश का आशीर्वाद प्राप्त होता है, लेकिन इसे बांधते और उतारते समय नियम का पालन न करने से जीवन में कई तरह की समस्या आ सकती है। ऐसे में नियम का पालन करना अधिक जरुरी होता है। अब कुछ ही दिनों में वर्ष 2025 साल की शुरुआत होने वाली है। अगर आप नए साल से पहले कलावा ( Kalava Utarne Ke Niyam) को उतारना चाहते हैं, तो इस लेख में बताए गए दिन उतार सकते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं इसके नियम (Kalava Bandhne Ke Niyam) के बारे में।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    किस दिन उतार सकते हैं कलावा?

    • अगर आप नए साल से पहले कलावा को उतारना चाहते हैं, तो इसके लिए मंगलवार और शनिवार का दिन शुभ माना जाता है। इसे उतारने के बाद इधर-उधर न फेकें। इसे किसी पवित्र नदी में बहा दें। अगर ऐसा संभव नहीं है, तो पीपल के पेड़ के नीचे रख दें।

    कलावा बांधने के नियम

    • विवाहित महिलाओं को बाएं हाथ में कलावा को बांधना उत्तम माना जाता है। वहीं, पुरुषों और अविवाहित लड़कियों को दाएं हाथ में कलावा बांधना चाहिए।
    • खाली हाथ कलावा भूलकर भी नहीं बंधवाना चाहिए। ऐसे में आप हाथ में चावल या सिक्का रख सकते हैं।
    • कलावा बंधवाने के बाद पुजारी को दक्षिणा (धन) देनी चाहिए।
    • कलावा बांधते समय 'येन बद्धो बली राजा, दानवेन्द्रो महाबलः, तेन त्वां मनु बध्नामि, रक्षे माचल माचल' मंत्र का जप करना चाहिए।

    यह भी पढ़ें: Laddu Gopal: घर में लड्डू गोपाल की कैसी मूर्ति रखनी चाहिए? जरूर जान लें सेवा के नियम

    कलावा बांधने से मिलते हैं ये आध्यात्मिक लाभ

    • कलावा बांधने से इंसान के पास नकारात्मक ऊर्जा नहीं आती है।
    • आर्थिक समस्या जल्द खत्म होती है।
    • ब्रह्मा, विष्णु, और महेश का आशार्वाद प्राप्त होता है।
    • नजर दोष खत्म होता है।
    • जीवन में आने वाले दुख और संकट दूर होते हैं।

    कैसे हुई कलावा बांधने की शुरुआत

    पौराणिक कथा के अनुसार, पूजा-पाठ के दौरान हाथ में कलावा बांधने की शुरुआत धन की देवी मां लक्ष्मी से जुड़ी हुई है। इसकी शुरुआत मां लक्ष्मी और राजा बलि ने की थी। मां लक्ष्मी ने जगत के पालनहार भगवान विष्णु के प्राणों की रक्षा के लिए राजा बलि को रक्षा सूत्र बांधा था। तभी से कलावा बांधने की परंपरा शुरू हुई।

    यह भी पढ़ें: Kalawa: कलावा को माना जाता है रक्षा सूत्र, जानें कैसे हुई इसे बांधने की शुरुआत

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।