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    Kalawa Rules: शास्त्रों के अनुसार जानिए कलावा बांधने और उतारने के नियम

    By Suman SainiEdited By: Suman Saini
    Updated: Sun, 06 Aug 2023 06:49 PM (IST)

    Kalawa Rules हिंदू धर्म में कलावा बांधने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। किसी भी मांगलिक कार्य में कलावा या मौली विशेष रूप से बांधी जाती है। कलावे के लाल या पीले रंग का भी एक विशेष महत्व होता है। कलाई पर मौली या कलावा बांधने से कई प्रकार के शारीरिक लाभ भी मिलते हैं। शास्त्रों में इसे लेकर कुछ नियम बताए गए हैं।

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    Kalawa Rules कलावा बांधने और उतारने के नियम।

    नई दिल्ली, अध्यात्म। Kalawa Rules: कलावे का न केवल धार्मिक महत्व है बल्कि वैज्ञानिक तौर पर भी कलावा बांधने से कई लाभ मिलते हैं। शास्त्रों में कलावा धारण करने और उतारने के कई नियम बताए गए हैं। इन नियमों का ध्यान रखा जाए तो व्यक्ति कई समस्याओं से बच सकता है। आइए जानते हैं कलावा बांधने और उतारने के नियम।

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    कलावे का धार्मिक महत्व

    हिंदू धर्म में कलावे को रक्षा सूत्र के रूप में बांधा जाता है। ऐसी मान्यता है कि किसी भी पूजा के बाद कलावा बांधने से ईश्वर की पूर्ण कृपा और आशीर्वाद मिलता है। वहीं, कलावे का लाल रंग सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है इसलिए कलावा के रूप में बांधा जाने वाला लाल धागा शरीर और मस्तिष्क के लिए हमेशा अच्छा माना जाता है।

    कलावा बांधने के नियम

    शास्त्रों में यह भी बताया गया है कि किस हाथ में कलावा बांधना शुभ होता है। पुरुषों और कुंवारी लड़कियों को दाहिने हाथ में कलावा बांधना चाहिए। वहीं, विवाहित महिलाओं का बांए हाथ में कलावा बांधना शुभ माना जाता है।

    कलावा कैसे बांधा जाता है?

    शास्त्रों के अनुसार जिस हाथ में आप कलावा बांध रहे हैं उस हाथ में सिक्का या रुपया लेकर मुट्ठी बंद कर लें। उसके बाद दूसरे हाथ को सिर पर रखें। हाथ में 3, 5 या 7 बार कलावा लपेटना चाहिए। कलावा बंध जाने के बाद हाथ में रखी दक्षिणा उस व्यक्ति को भेंट में दें जिसने आपके हाथ में कलावा बांधा है।

    उतरे हुए कलावे का क्या करें?

    ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हाथ में बांधा हुआ कलावा मंगलवार और शनिवार के दिन ही खोलना। इसे खोलने के बाद पूजा घर में ही बैठकर दूसरा कलावा बांध लें। हाथ से कलावा उतारने के बाद इसे पीपल के पेड़ के नीचे रख दें या फिर किसी बहते पानी में प्रवाहित कर दें।

    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'