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Ravi Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत पर बन रहे हैं एक साथ कई अद्भुत संयोग, यहां जान लें व्रत रखने के लाभ

प्रदोष व्रत (Ravi Pradosh Vrat 2024) पर भगवान शिव की पूजा होती है। इस महीने यह उपवास  21 अप्रैल को रखा जाएगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार  इस बार का प्रदोष व्रत काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि इस दौरान एक नहीं कई अद्भुत संयोग का निर्माण हो रहा है जिससे व्रत का महत्व दोगुना बढ़ जाएगा। साथ ही सभी प्रकार के कष्टों से छुटकारा मिलेगा।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Published: Sat, 20 Apr 2024 02:25 PM (IST)Updated: Sat, 20 Apr 2024 02:25 PM (IST)
Ravi Pradosh vrat 2024: रवि प्रदोष पर बन रहे हैं कई अद्भुत संयोग

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Ravi Pradosh Vrat 2024: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत को बहुत पवित्र माना जाता है। यह व्रत भगवान शंकर की पूजा के लिए समर्पित है। इस महीने यह उपवास 21 अप्रैल को रखा जाएगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस बार का प्रदोष व्रत काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि इस दौरान एक नहीं कई अद्भुत संयोग का निर्माण हो रहा है, जिससे व्रत का महत्व दोगुना बढ़ जाएगा।

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साथ ही सभी प्रकार के कष्टों से छुटकारा मिलेगा। कहा जाए तो यह व्रत इस बार आपकी हर मनोकामनाओं को पूरी करेगा।

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त्रयोदशी तिथि और समय

चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 20 अप्रैल रात्रि 11 बजकर 5 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इसका समापन अगले दिन 22 अप्रैल की रात्रि 2 बजकर 36 मिनट में पर होगा। जानकारी के लिए बता दें, भोलेनाथ की पूजा प्रदोष काल में ज्यादा शुभ मानी गई है। इसलिए पंचांग के अनुसार, यह उपवास 21 अप्रैल को रखा जाएगा। ताकि पूजा का पूर्ण फल प्राप्त हो सके।  

रवि प्रदोष पर बन रहे हैं कई अद्भुत संयोग

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस बार रवि प्रदोष पर ऐसा संयोग बनने जा रहा है, जो बहुत कम देखने को मिलता है। यही वजह है कि इसका महत्व और भी बढ़ गया है। दरअसल, इस शुभ दिन पर शिव वास, सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग, अमृत सिद्धि योग का निर्माण होने जा रहा है।

ऐसा कहा जाता है कि ऐसा अद्भुत संयोग महादेव की पूजा के लिए बहुत खास होता है। इस दौरान पूजा करने से अक्षय फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

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डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी'।


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