Kalashtami 2025 Daan: कालाष्टमी पर राशि अनुसार करें इन चीजों का दान, जीवन में नहीं होगी कोई कमी
प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर कालाष्टमी (Kalashtami 2025) मनाई जाती है। इस दिन काल भैरव की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करने का अधिक महत्व है। इस दिन पूजा करने के बाद दान भी जरूर करना चाहिए। मान्यता है कि कालाष्टमी के दिन दान करने से धन लाभ के योग बनते हैं और जीवन में किसी भी चीज की कमी नहीं होती है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। कालाष्टमी का दिन काल भैरव की पूजा-अर्चना करने के लिए शुभ माना जाता जाता है। पंचांग के अनुसार, चैत्र माह में कालाष्टमी व्रत 22 मार्च (Kalashtami 2025 Date) को किया जाएगा। काल भैरव की पूजा-अर्चना करने संध्याकाल में करने का विधान है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, काल भैरव की पूजा करने से साधक को सभी भय से छुटकारा मिलता है।
अगर आप आर्थिक तंगी से छुटकारा पाना चाहते हैं, तो कालाष्टमी के दिन पूजा करने के बाद राशि अनुसार (Kalashtami 2025 Daan) दान करें। मान्यता है कि दान करने से धन लाभ के योग बनते हैं। साथ ही काल भैरव का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
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कालाष्टमी 2025 शुभ मुहूर्त (Kalashtami 2025 Shubh Muhurat)
पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 22 मार्च को सुबह 04 बजकर 23 मिनट पर होगी। वहीं, इस तिथि का समापन अगले दिन यानी 23 मार्च को सुबह 05 बजकर 23 मिनट पर होगा। ऐसे में 22 मार्च को कालाष्टमी मनाई जाएगी। इस दिन काल भैरव की पूजा करने का शुभ मुहूर्त 12 बजकर 04 मिनट से लेकर 12 बजकर 51 मिनट तक है।
राशि अनुसार दान करें
- मेष राशि के जातक चैत्र कालाष्टमी के दिन गुड़ का दान करें।
- वृषभ राशि के जातक चैत्र कालाष्टमी के दिन सफेद चीज जैसे- चीनी और चावल का दिन करें।
- मिथुन राशि के जातक चैत्र कालाष्टमी के दिन मौसमी का दान करें।
- कर्क राशि के जातक चैत्र कालाष्टमी के दिन दूध और दही का दान करें।
- कन्या राशि के जातक चैत्र कालाष्टमी के दिन सुहाग की चीजें दान करें।
- तुला राशि के जातक चैत्र कालाष्टमी के दिन अन्न और धन का दान करें।
- धनु राशि के जातक चैत्र कालाष्टमी के दिन केले का दान करें।
- मकर राशि के जातक को चैत्र कालाष्टमी के दिन फल का दान करें।
- कुंभ राशि के जातक चैत्र कालाष्टमी के दिन काले तिल का दान करें।
- मीन राशि के जातक चैत्र कालाष्टमी के दिन पूजा करने के बादफल और मिठाई का दान करें।
काल भैरव के मंत्र (kaal bhairav mantra)
1. ॐ नमो भैरवाय स्वाहा।
2. ॐ भं भैरवाय आप्द्दुदारानाय भयं हन।
3. ॐ भं भैरवाय आप्द्दुदारानाय शत्रु नाशं कुरु।
4. ॐ भं भैरवाय आप्द्दुदारानाय तंत्र बाधाम नाशय नाशय।
5. ॐ भं भैरवाय आप्द्दुदारानाय कुमारं रक्ष रक्ष।
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