Kalashtami 2025 Date: चैत्र महीने में कब है कालाष्टमी? यहां नोट करें सही डेट एवं योग
प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर कालाष्टमी और मासिक कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर भगवान कृष्ण और काल भैरव की पूजा (Kaal Bhairav Puja Vidhi) की जाती है। मासिक कृष्णाष्टमी पर कई मंगलकारी योग बन रहे हैं। इन योग में जग के नाथ भगवान कृष्ण की पूजा करने से जीवन में सुखों का आगमन होगा।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में कालाष्टमी पर्व का विशेष महत्व है। यह पर हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर भगवान शिव के रौद्र रूप काल भैरव देव की पूजा की जाती है। साथ ही मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए कालाष्टमी का व्रत रखा जाता है। तंत्र सीखने वाले साधक कालाष्टमी पर काल भैरव देव की कठिन साधना करते हैं। कठिन भक्ति से प्रसन्न होकर काल भैरव देव साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। आइए, चैत्र माह की कालाष्टमी की सही डेट एवं शुभ मुहूर्त जानते हैं-
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कालाष्टमी शुभ मुहूर्त (Kalashtami Shubh Muhurat)
वैदिक पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 22 मार्च को सुबह 04 बजकर 23 मिनट पर शुरू होगी और 23 मार्च को सुबह 05 बजकर 23 मिनट पर समाप्त होगी। काल भैरव देव की निशा काल में पूजा की जाती है। अत: 22 मार्च को चैत्र माह की कालाष्टमी मनाई जाएगी। वहीं, निशा काल में पूजा का समय देर रात 12 बजकर 04 मिनट से लेकर 12 बजकर 51 मिनट तक है।
शुभ योग
ज्योतिषियों की मानें तो फाल्गुन माह की कालाष्टमी पर वरीयान और शिववास का संयोग बन रहा है। शिववास में काल भैरव देव की पूजा करने से साधक को दोगुना फल मिलेगा। साथ ही सभी रुके काम बन जाएंगे। इसके अलावा, बालव और कौलव करण का संयोग बन रहा है।
पंचांग
सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 23 मिनट पर
सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 33 मिनट पर
ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 48 मिनट से 05 बजकर 35 मिनट तक
विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 19 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 32 मिनट से 06 बजकर 56 मिनट तक
निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 04 मिनट से 12 बजकर 51 मिनट तक
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