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    Jyeshtha Amavasya के दिन इन कामों को करने से नाराज हो सकते हैं पितृ, जानिए क्या करें और क्या न करें

    सनातन धर्म में अमावस्या (Jyeshtha Amavasya 2025) तिथि को बेहद खास माना जाता है। इस दिन पवित्र नदी में स्नान-दान करना बहुत शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार अमावस्या के दिन इस उपाय को करने से साधक को पितरों की कृपा प्राप्त होती है। साथ ही सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।

    By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Mon, 26 May 2025 03:46 PM (IST)
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    Jyeshtha Amavasya 2025: ज्येष्ठ अमावस्या से जुड़े नियम (Pic Credit- Freepik)

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस बार ज्येष्ठ अमावस्या और शनि जयंती का पर्व 27 मई को मनाया जाएगा। इस अवसर पर पितरों और शनिदेव की पूजा-अर्चना करने का विधान है। साथ ही विशेष चीजों का दान करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि ज्येष्ठ अमावस्या के दिन कुछ कामों को करने से पितृ नाराज हो सकते हैं, जिससे व्यक्ति को जीवन में कई तरह की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि ज्येष्ठ अमावस्या के दिन क्या करें और क्या न करें।

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    ज्येष्ठ अमावस्या 2025 शुभ मुहूर्त

    वैदिक पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि की शुरुआत 26 मई को दोपहर 12 बजकर 11 मिनट से हो गई है। वहीं, इस तिथि का समापन 27 मई को सुबह 8 बजकर 31 मिनट पर होगा। ऐसे में 27 मई को ज्येष्ठ अमावस्या मनाई जाएगी।

    यह भी पढ़ें: Jyeshtha Amavasya 2025: ज्येष्ठ अमावस्या की रात करें ये चमत्कारी उपाय, सभी कष्टों से मिलेगी मुक्ति

    ज्येष्ठ अमावस्या के दिन क्या करें (What to do on the day of Jyeshtha Amavasya)

    • ज्येष्ठ अमावस्या के पवित्र नदी में स्नान करें।
    • सूर्य देव और पितरों को अर्घ्य दें।
    • पितरों का तर्पण और श्राद्ध कर्म करें।
    • विशेष चीजों का दान करें।
    • पितरों को प्रसन्न करने के लिए उपाय करें।
    • पीपल के पेड़ पर जल अर्पित करें और सरसों के तेल का दीपक जलाएं।

    (Pic Credit- Freepik)

    ज्येष्ठ अमावस्या के दिन क्या न करें (What not to do on the day of Jyeshtha Amavasya)

    • ज्येष्ठ अमावस्या के दिन भूलकर भी तामसिक भोजन का सेवन न करें।
    • इसके अलावा किसी से वाद-विवाद न करें।
    • किसी के बारे में गलत न सोचे।
    • काले कपड़े धारण न करें।
    • घर में गंदगी न करें।
    • बाल और नाखून काटने से भी बचना चाहिए।

    इन मंत्रों का करें जप

    • ॐ अं वासुदेवाय नम:
    • ॐ आं संकर्षणाय नम:
    • ॐ अं प्रद्युम्नाय नम:
    • ॐ अ: अनिरुद्धाय नम:
    • ॐ नारायणाय नम:
    • ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
    • ॐ विष्णवे नम:
    • ॐ हूं विष्णवे नम:

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।