Guru Purnima 2025 Date: कब मनाई जाएगी गुरु पूर्णिमा? जानें शुभ मुहूर्त और महत्व
धार्मिक मान्यता के अनुसार गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima 2025) के दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करने से साधक को शुभ फल की प्राप्ति होती है। इस दिन धन और अन्न समेत आदि चीजों का दान करने का विशेष महत्व है। पूर्णिमा के दिन दान करने से धन लाभ के योग बनते हैं।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, आषाढ़ माह चौथा महीना होता है। इस महीने की आखिरी में गुरु पूर्णिमा का पर्व बेहद उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर पवित्र नदी में स्नान और दान करने का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, पूर्णिमा (Guru Purnima 2025) के दिन पवित्र नदी में स्नान और दान करने से साधक के जीवन में खुशियों का आगमन होता है। साथ ही सभी तरह के दुख और संकट से छुटकारा मिलता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि कब मनाया जाएगा गुरु पूर्णिमा का पर्व।
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गुरु पूर्णिमा 2025 डेट और शुभ मुहूर्त (Guru Purnima 2025 Date and Shubh Muhurat)
वैदिक पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 10 जुलाई को रात 01 बजकर 36 मिनट से होगी और अगले दिन यानी 11 जुलाई रात को 02 बजकर 06 मिनट पर तिथि खत्म होगी। इस प्रकार से 10 जुलाई को गुरु पूर्णिमा (Kab Hai Guru Purnima 2025) का पर्व मनाया जाएगा।
सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 31 मिनट पर
सूर्यास्त - शाम 07 बजकर 22 मिनट पर
चंद्रोदय- रात 07 बजकर 20 मिनट पर
चंद्रास्त- चंद्रास्त नहीं
ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 10 मिनट से 04 बजकर 50 मिनट तक
विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 45 मिनट से 03 बजकर 40 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त - रात 07 बजकर 21 मिनट से 07 बजकर 41 मिनट तक
निशिता मुहूर्त - रात 12 बजकर 06 मिनट से 12 बजकर 47 मिनट तक
गुरु पूर्णिमा का महत्व (Guru Purnima 2025 Significance)
धार्मिक मान्यता के अनुसार, आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि पर भगवान वेद व्यास का जन्म हुआ था। इसलिए इस तिथि पर गुरु पूर्णिमा के पर्व को मनाया जाता है। वेद व्यास ने कई वेदों और पुराणों की रचना की थी। इस खास अवसर पर भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी और वेद व्यास जी की पूजा-अर्चना करने का खास महत्व है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, गुरु पूर्णिमा का विधिपूर्वक व्रत करने से जीवन खुशहाल होता है। साथ ही साधक पर प्रभु की कृपा बनी रहती है।
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