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    Bhai Dooj 2024: नवंबर महीने में कब है भाई दूज? नोट करें शुभ मुहूर्त और तिलक का सही नियम

    Updated: Mon, 09 Sep 2024 03:42 PM (IST)

    भाई दूज भाई-बहनों के प्यार भरे बंधन का प्रतीक है जिसमें बहनें प्यार से अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाती हैं और भाई अपनी बहनों की सदैव रक्षा करने का वादा करते हैं। साथ ही उन्हें तोहफा देते हैं। हर साल यह पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है तो आइए इसकी सही डेट (Bhai Dooj 2024 Date And Shubh Muhurat) जानते हैं।

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    Bhai Dooj 2024: भाई दूज 2024 कब है?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। भाई दूज का पर्व बेहद शुभ माना जाता है। यह पर्व भाई-बहन के प्यार का प्रतीक है, जब बहनें अपने भाई को बड़े ही प्यार से तिलक लगाती हैं और बदले में भाई उन्हें उपहार देते हैं। इसके साथ ही सदैव रक्षा करने का वादा करते हैं। भाई दूज दिवाली उत्सव के पांचवें दिन मनाया जाता है। हिंदू पंचाग के अनुसार, यह हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है, जिसे लोग यम द्वितीया (Yam Dwitiya) या भ्रातृ द्वितीया के नाम से भी जानते हैं, तो चलिए इस साल यह पर्व कब मनाया जाएगा? उसकी सही डेट जानते हैं।

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    भाई दूज 2024 कब है? (Bhai Dooj 2024 Shubh Muhurat)

    हिंदू पंचांग के अनुसार, द्वितीया तिथि की शुरुआत 02 नवंबर, 2024 को रात 08 बजकर 21 मिनट पर होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 03 नवंबर, 2024 को होगा। पंचांग के आधार पर इस साल भाई दूज का त्योहार 3 नवंबर 2024, दिन रविवार को मनाया जाएगा।

    भाई दूज तिलक के नियम (Bhai Dooj 2024 Tilak Ke Niyam)

    भाई दूज के दिन सुबह उठकर स्नान करें। इसके बाद साफ व नए वस्त्र धारण करें। फिर तिलक की थाली तैयार करें। थाली में फल, फूल, मिठाई, कुमकुम, चंदन, रोली, सुपारी आदि चीजों को रखें। इसके पश्चात भाई को साफ-सुथरी जगह पर बिठाएं। शुभ मुहूर्त के अनुसार भाई का तिलक करें। मिठाई खिलाएं और उन्हें फूल, सुपारी, काले चने, बताशे, सूखा नारियल आदि चीजें दें।

    अंत में आरती उतारें। तिलक के बाद भाई अपनी बहनों को उपहार दें और उनका आशीर्वाद लें। इस दिन अपने भाई से विवाद करने से बचें और तामसिक चीजों से परहेज करें।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।