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    Jyeshtha Amavasya 2024: अमावस्या के दिन गाय और कुत्ते को क्यों खिलाया जाता है भोजन? जानिए इसके पीछे का कारण

    Updated: Sun, 02 Jun 2024 02:14 PM (IST)

    ज्येष्ठ अमावस्या (Jyeshtha Amavasya 2024) के दिन किसी भी प्रकार का नया कार्य नहीं करना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि यह दिन पवित्र नदियों में स्नान पितरों का तर्पण और दान आदि के लिए बहुत महत्व रखता है। वहीं इस तिथि पर कुछ लोग गाय और कुत्ते को भोजन खिलाते हैं लेकिन इसके पीछे का कारण हर किसी को नहीं पता है तो चलिए यहां जानते हैं -

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    Jyeshtha Amavasya 2024: अमावस्या पर गाय और कुत्ते को भोजन क्यों खिलाना चाहिए?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। अमावस्या (Jyeshtha Amavasya 2024) का दिन पितरों की पूजा के लिए समर्पित है। साल में कुल 12 अमावस्या आती हैं, जिसका अपना -अपना विशेष महत्व है। इस बार इस दिन एक साथ कई तिथियां पड़ रही हैं, जिसके चलते यह दिन और भी खास बन गया है। दरअसल, इस बार ज्येष्ठ अमावस्या पर शनि जयंती (Shani Jayanti) और वट सावित्री का व्रत (Vat Savitri vrat) भी रखा जाएगा।

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    बता दें, इस साल ज्येष्ठ अमावस्या 6 जून, 2024 को पड़ रही है, तो आइए जानते हैं कि आखिर इस तिथि पर गाय और कुत्ते को भोजन क्यों खिलाना चाहिए?

    अमावस्या पर गाय और कुत्ते को भोजन क्यों खिलाना चाहिए?

    धार्मिक दृष्टि से अमावस्या तिथि बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है। मान्यताओं के अनुसार, इस तिथि पर गाय और कुत्ते को भोजन खिलाना बेहद पुण्यदायी कार्य माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस मौके पर इन्हें भोजन कराने से यह सीधे पितरों तक पहुंचता है। साथ ही इससे पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।

    ऐसे में अगर आप अपने पितरों का तर्पण करना चाहते हैं, या फिर उनसे जुड़ी कोई भी पूजा करना चाहते हैं, तो आपको अमावस्या का दिन ही चुनना चाहिए। इसके अलावा दान-पुण्य करना चाहिए।

    ज्येष्ठ अमावस्या पर न करें ये 4 काम

    • ज्येष्ठ अमावस्या के दिन आपको अपने घर आए किसी व्यक्ति को खाली हाथ नहीं लौटाना चाहिए।
    • इस तिथि पर जानवरों को गलती से भी परेशान नहीं करना चाहिए।
    • अमावस्या पर तामसिक चीजों का सेवन करने से बचना चाहिए।
    • इस दिन गाय को हरा चारा खिलाना और दान -पुण्य करना बेहद कल्याणकारी माना जाता है।

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    अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।