Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Bhaum Pradosh 2024: भौम प्रदोष की पूजा से पहले नोट कर लें सामग्री लिस्ट, नहीं आएगी कोई बाधा

    हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। इस दिन लोग भगवान शिव की पूजा करते हैं। ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव की पूजा करने से सभी कष्टों का अंत होता है। इस बार प्रदोष व्रत 4 जून दिन मंगलवार को मनाया जाएगा। मंगलवार को पड़ने की वजह से इसे भौम प्रदोष (Bhaum Pradosh) के नाम से जाना जाता है तो आइए इसकी सामग्री लिस्ट जानते हैं।

    By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Sun, 02 Jun 2024 12:58 PM (IST)
    Hero Image
    Bhaum Pradosh 2024: भौम प्रदोष व्रत पूजन सामग्री

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। भगवान शिव की पूजा के लिए प्रदोष व्रत का दिन सबसे उत्तम माना जाता है। पंचांग के अनुसार, जिस दिन त्रयोदशी तिथि प्रदोष काल के समय व्याप्त होती है उसी दिन प्रदोष व्रत किया जाता है। हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। इस दिन लोग भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करते हैं। ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव की पूजा करने से सभी कष्टों का अंत होता है। इस बार प्रदोष व्रत 4 जून, 2024 दिन मंगलवार को मनाया जाएगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मंगलवार को पड़ने की वजह से इसे भौम प्रदोष (Bhaum Pradosh 2024) के नाम से जाना जाता है, लेकिन व्रत से पूर्व उसकी पूजन सामग्री जरूर इकट्ठा करें, जो इस प्रकार है -

    भौम प्रदोष व्रत पूजन सामग्री

    • लाल या पीला गुलाल
    • दूध
    • पवित्र जल
    • गंगाजल
    • शहद
    • अक्षत
    • कलावा
    • चिराग
    • फल, फूल, सफेद मिठाई
    • कनेर का फूल
    • आसन
    • सफेद चंदन
    • भांग
    • धतूरा
    • बेल पत्र
    • धागा
    • कपूर
    • धूपबत्ती
    • घी
    • नया वस्त्र
    • पंचमेवा
    • प्रदोष व्रत कथा की पुस्तक
    • शिव चालीसा
    • शंख
    • घंटा
    • हवन सामग्री

    प्रदोष व्रत डेट और पूजा समय

    हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि ​04 जून ( अंग्रेजी केलेंडर के अनुसार) को रात्रि 12 बजकर 18 पर शुरू होगी। वहीं, ​इस तिथि की समाप्ति 04 जून को रात्रि 10 बजकर 01 मिनट पर होगी। पंचांग को देखते हुए इस बार प्रदोष व्रत 4 जून को रखा जाएगा।

    इसके साथ ही इसकी पूजा रात्रि 07 बजकर 16 मिनट से रात्रि 09 बजकर 18 मिनट के बीच होगी। बता दें, इस दिन प्रदोष काल में पूजा करना चाहिए, इससे शिव जी का पूरा आशीर्वाद प्राप्त होता है।

    अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।