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    Jyeshtha Amavasya 2024: कब मनाई जाएगी ज्येष्ठ अमावस्या? यहां जानें सही डेट और पूजन नियम

    Updated: Thu, 30 May 2024 01:07 PM (IST)

    ज्येष्ठ अमावस्या (Jyeshtha Amavasya 2024) का विशेष महत्व है। इस दिन गंगा स्नान पितृ तर्पण पिंड दान हवन और ब्राह्मणों को भोजन खिलाना शुभ माना जाता है। ज्योतिष के अनुसार यह समय बहुत शक्तिशाली होता है क्योंकि यह चंद्रमा को समर्पित है। इसके अलावा इस तिथि पर चंद्रमा अपने अस्त काल में होता है। इस बार अमावस्या 6 जून को मनाई जाएगी।

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    Jyeshtha Amavasya 2024: ज्येष्ठ अमावस्या की पूजा विधि -

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Jyeshtha Amavasya 2024 Date : हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का बड़ा महत्व है। यह समय पितरों की पूजा के लिए समर्पित है। साल भर में कुल 12 अमावस्या आती हैं, जिनका अपना-अपना महत्व है, लेकिन ज्योतिष की दृष्टि से ज्येष्ठ अमावस्या बेहद विशेष मानी जाती है, क्योंकि इस दौरान शनि जयंती और वट सावित्री का व्रत भी रखा जाता है, तो आइए इसकी डेट और शुभ मुहूर्त जानते हैं।

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    ज्येष्ठ अमावस्या डेट और शुभ मुहूर्त

    हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ अमावस्या की शुरुआत 5 जून 2024 रात्रि 07 बजकर 54 मिनट पर होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 6 जून 2024 शाम 06 बजकर 07 मिनट पर होगा। पंचांग को देखते हुए ज्येष्ठ अमावस्या 6 जून, 2024 को मनाई जाएगी।

    ज्येष्ठ अमावस्या की पूजा विधि

    अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर पवित्र स्नान करें। इस दिन गंगा नदी में स्नान जरूर करना चाहिए। इसके बाद भगवान सूर्य को अर्घ्य दें। इस दिन पितरों का तर्पण करना चाहिए। इस तिथि पर पितरों की आत्मा की शांति के लिए लोग व्रत भी रखते हैं। इस दिन देवी गंगी की पूजा का विधान है। इस तिथि पर दान-दक्षिणा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इस तिथि पर ज्यादा से ज्यादा पुण्य कार्य करना चाहिए।

    इस दिन तामसिक चीजों से दूर रहना चाहिए। इस तिथि पर पवित्रता का पालन करना चाहिए। यह दिन धार्मिक विधियों के लिए भी विशेष माना जाता है। इस तिथि पर भगवान शिव की पूजा फलदायी मानी जाती है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।