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Apara Ekadashi 2024: अपरा एकादशी पर लगाएं यह चमत्कारी पौधा, ग्रह क्लेश के साथ समाप्त होगी दरिद्रता

अपरा एकादशी (Apara Ekadashi 2024) का पर्व हिंदुओं के बीच बहुत महत्व रखता है। इस कठिन व्रत का पालन करने से सौभाग्य समृद्धि और खुशी में वृद्धि होती है। इस बार यह व्रत 2 जून को रखा जाएगा। इस दिन श्री हरि विष्णु की पूजा का विधान है तो चलिए इस तिथि से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं -

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Thu, 30 May 2024 12:01 PM (IST)
Apara Ekadashi 2024: अपरा एकादशी पर लगाएं यह चमत्कारी पौधा, ग्रह क्लेश के साथ समाप्त होगी दरिद्रता
Apara Ekadashi 2024:अपरा एकादशी पर लगाएं यह पौधा

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Apara Ekadashi 2024: हिंदू धर्म में अपरा एकादशी को बेहद पुण्यदायी माना गया है। इस दिन श्री हरि विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा होती है। इस बार यह 2 जून, 2024 को मनाई जाएगी। ऐसा कहा जाता है कि जो लोग इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करते हैं और कठिन व्रत का पालन करते हैं उन्हें जीवन में कभी संकटों का सामना नहीं करना पड़ता है।

इसके अलावा एक ऐसा पौधा है, जिसे इस तिथि पर लगाने से व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होता है, तो आइए उसके बारे में जानते हैं -

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अपरा एकादशी पर लगाएं यह पौधा

अपरा एकादशी के दिन केले का पेड़ लगाना बहुत शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस पौधे को लगाने से घर में सुख-शांति बनी रहती है। इसके साथ ही अशुभ ग्रहों का प्रभाव जीवन पर नहीं पड़ता है। दरअसल, ऐसा मानना है कि केले के पौधे में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का वास होता है और इसके बिना भगवान विष्णु की पूजा पूरी नहीं होती है। यह शुभता का प्रतीक भी माना जाता है। इसलिए एकादशी पर इसे लगाने का विशेष महत्व है।

अपरा एकादशी डेट और शुभ मुहूर्त

ज्येष्ठ महीने की एकादशी तिथि 2 जून, 2024 सुबह 05 बजकर 04 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन अगले दिन 03 जून, 2024 मध्य रात्रि 02 बजकर 41 मिनट पर होगा। उदयातिथि को देखते हुए अपरा एकादशी का व्रत 2 जून को रखा जाएगा।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।