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    Krishna Janmashtami 2025: आषाढ़ महीने में कब है मासिक कृष्ण जन्माष्टमी? यहां जानें शुभ मुहूर्त एवं योग

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Sun, 25 May 2025 08:09 PM (IST)

    सनातन शास्त्रों में जग के नाथ भगवान कृष्ण (Krishna Janmashtami 2025) को लीलाधारी भी कहा जाता है। अपनी लीला से भगवान कृष्ण भक्तों की न केवल परीक्षा लेते हैं बल्कि दुख भी दूर करते हैं। भगवान कृष्ण के शरणागत रहने वाले साधकों को जीवन में किसी चीज का अभाव नहीं होता है।

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    Krishna Janmashtami 2025: भगवान कृष्ण को कैसे प्रसन्न करें?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में आषाढ़ महीने का खास महत्व है। इस महीने में कई प्रमुख व्रत-त्योहार मनाए जाते हैं। देवशयनी एकादशी आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के अगले दिन मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु क्षीर सागर में विश्राम करने चले जाते हैं। इससे पूर्व कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक जन्माष्टमी मनाई जाती है।

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    यह पर्व हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान कृष्ण और राधा रानी की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। साथ ही मनचाहा वरदान पाने के लिए साधक द्वारा व्रत रखा जाता है। इस व्रत के पुण्य-प्रताप से साधक को सभी प्रकार के भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है। आइए, मासिक कृष्ण जन्माष्टमी की सही डेट, शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं।

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    मासिक कृष्ण जन्माष्टमी शुभ मुहूर्त

    वैदिक पंचांग के अनुसार, 18 जून को आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि दोपहर 01 बजकर 34 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, 19 जून को तकरीबन 11 बजकर 55 मिनट पर अष्टमी तिथि समाप्त होगी। अष्टमी तिथि पर निशा काल में भगवान कृष्ण की पूजा की जाती है। इसके लिए 18 जून को मासिक कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाएगी।

    मासिक कृष्ण जन्माष्टमी शुभ योग

    ज्योतिषियों की मानें तो मासिक कृष्ण जन्माष्टमी पर दुर्लभ प्रीति और आयुष्मान योग का संयोग बन रहा है। प्रीति योग का संयोग सुबह 07 बजकर 40 मिनट तक है। इसके बाद आयुष्मान का संयोग है। इसके साथ ही दोपहर 01 बजकर 34 मिनट से शिववास योग का संयोग है। इन योग में भगवान कृष्ण और राधा रानी की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी।

    पंचांग

    • सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 23 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 07 बजकर 21 मिनट पर
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 03 मिनट से 04 बजकर 43 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 42 मिनट से 03 बजकर 38 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 07 बजकर 20 मिनट से 07 बजकर 40 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 02 मिनट से 12 बजकर 42 मिनट तक

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    भगवान श्रीकृष्ण के मंत्र

    1. ॐ कृष्णाय नमः

    2. हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे ।

    हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे ।।

    3. ॐ श्री कृष्णः शरणं ममः

    4. ॐ देव्किनन्दनाय विधमहे वासुदेवाय धीमहि तन्नो कृष्ण:प्रचोदयात

    5. ॐ नमो भगवते तस्मै कृष्णाया कुण्ठमेधसे।

    सर्वव्याधि विनाशाय प्रभो माममृतं कृधि।।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।