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    Jitiya Vrat 2025: क्या है जितिया व्रत खोलने का सही नियम? एक क्लिक में पढ़ें पारण से जुड़ी सभी बातें

    Updated: Sun, 14 Sep 2025 10:56 AM (IST)

    जितिया व्रत (Jitiya Vrat 2025) संतान की लंबी उम्र के लिए किया जाता है। इसका पारण 15 सितंबर को होगा। इस दिन माताएं निर्जला उपवास के बाद भगवान जीमूतवाहन शिव और पार्वती की पूजा करती हैं। व्रत का पूरा फल मिले इसलिए आइए इस आर्टिकल में इस व्रत से जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं।

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    Jitiya Vrat 2025: जितिया व्रत पारण विधि।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Jitiya Vrat 2025: जितिया व्रत का पारण 15 सितंबर को किया जाएगा। यह व्रत संतान की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए किया जाता है, जिसमें माताएं 24 घंटे से अधिक समय तक निर्जला उपवास रखती हैं। पारण करना इस व्रत के अनुष्ठान का महत्वपूर्ण हिस्सा है, तो आइए इस आर्टिकल जितिया व्रत खोलने का समय, विधि जानते हैं। ताकि व्रत का पूरा फल मिल सके और स्वास्थ्य पर कोई नकारात्मक असर न पड़े।

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    जितिया व्रत पारण मुहूर्त (Jitiya Vrat Paran Time)

    हिंदू पंचांग के अनुसार, 15 सितंबर को देर रात 03 बजकर 06 मिनट पर अष्टमी तिथि समाप्त होगी। जितिया व्रत का पारण नवमी तिथि को किया जाता है। इसलिए 15 सितंबर को सूर्योदय के बाद व्रती पारण कर सकती हैं।

    पारण विधि (Jitiya Vrat 2025 Paran Vidhi)

    • पूजा करें - पारण से पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए और फिर भगवान जीमूतवाहन, शिव और पार्वती की पूजा करनी चाहिए।
    • दही और जल का सेवन - सबसे पहले एक चुटकी नमक के साथ दही और जल का सेवन करना चाहिए। ऐसा करने से शरीर को फिर से ऊर्जा मिलती है।
    • भोजन का सेवन - इसके बाद, कुछ अनाज जैसे कि खीरा, चावल, चना दाल, और रोटी का सेवन कर सकते हैं। हालांकि तामसिक भोजन से बचना चाहिए।

    पारण का मुख्य भोजन

    • नोनी का साग - पारण में नोनी का साग खाने का विशेष महत्व है। नोनी का साग पारण के लिए शुभ माना जाता है और इसे सेहत के लिए भी फायदेमंद माना जाता है।
    • खीर - पारण में खीर बनाना एक परंपरा है। खीर को शुभता का प्रतीक माना जाता है और यह व्रत खोलने के लिए बहुत उत्तम मानी जाती है।
    • दही-चूड़ा - दही-चूड़ा भी पारण का एक महत्वपूर्ण पकवान है। कहा जाता है कि इसके सेवन से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।