Jitiya Vrat 2025: जितिया व्रत में दीपक से करें ये अचूक उपाय, दूर होंगी संतान से जुड़ी सभी मुश्किलें
जितिया व्रत (Jitiya Vrat 2025) संतान की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए किया जाता है। इस व्रत में दीपक का विशेष महत्व है। कहते हैं कि इस उपवास का पालन करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। इसके साथ ही जीवन में शुभता का आगमन होता है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। जितिया व्रत का हिंदू धर्म में बहुत ज्यादा महत्व है। इस व्रत का पालन करने से संतान को लंबी उम्र, और अच्छे स्वास्थ्य का वरदान मिलता है। यह व्रत (Jitiya Vrat 2025) माताओं द्वारा अपनी संतान की मंगल कामना के लिए किया जाता है। वहीं, जितिया व्रत के दौरान किए जाने वाले कुछ खास उपाय संतान से जुड़ी समस्याओं को आसानी से दूर कर सकते हैं, तो आइए उन उपाय को जानते हैं, जो इस प्रकार हैं।
दीपक से करें ये अचूक उपाय (Jitiya Vrat 2025 Lamp Remedies)
जितिया व्रत के दौरान दीपक का विशेष महत्व होता है। दीपक को सकारात्मक ऊर्जा, प्रकाश और ज्ञान का प्रतीक माना जाता है। जितिया व्रत में दीपक से किए गए कुछ अचूक उपाय संतान से जुड़ी हर मुश्किल को दूर कर सकते हैं।
- संतान की अच्छी सेहत के लिए - व्रत के दिन शाम के समय मिट्टी का एक दीया लें और उसमें तिल का तेल डालें। इस दीये को अपनी संतान के हाथ से जलवाएं और फिर उसे घर के मंदिर में रख दें। ऐसा करने से संतान की सेहत से जुड़ी सभी परेशानियां दूर हो सकती हैं।
- संतान की सुरक्षा के लिए - अगर आपको अपनी संतान की सुरक्षा को लेकर चिंता रहती है, तो जितिया व्रत की रात को घर के मुख्य द्वार पर आटे का एक दीपक बनाएं। उसमें तिल का तेल डालकर दीया जलाएं। इस उपाय से नकारात्मक शक्तियां घर से दूर रहती हैं और संतान पर कोई संकट नहीं आता।
- संतान की तरक्की के लिए - अगर आपकी संतान करियर में सफल नहीं हो पा रही है, तो जितिया व्रत के दिन एक दीपक जलाकर उसे घर की उत्तर-पूर्व दिशा में रखें। यह दिशा ज्ञान और समृद्धि की मानी जाती है। इससे संतान को पढ़ाई में सफलता मिलती है।
- संतान प्राप्ति के लिए - जिन माताओं को संतान प्राप्ति में बाधा आ रही है, उन्हें जितिया व्रत की रात में पीपल के पेड़ के नीचे घी का दीपक जलाना चाहिए। माना जाता है कि इस उपाय को करने से संतान प्राप्ति की इच्छा पूरी हो सकती है।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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