Jaya Ekadashi 2025: जया एकादशी पर क्या करें और क्या नहीं? एक क्लिक में जानें पूरी जानकारी
जया एकादशी हर साल श्रद्धा भाव के साथ मनाई जाती है। यह शुभ दिन भगवान विष्णु भगवान और देवी लक्ष्मी की पूजा के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। इस साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 08 फरवरी को मनाई जाएगी तो चलिए यहां पर जानते हैं कि इस मौके पर (Jaya Ekadashi 2025 Daan) क्या करना चाहिए और क्या नहीं?
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर माह में दो एकादशी आती हैं, एक कृष्ण पक्ष और दूसरी शुक्ल पक्ष में। माघ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को जया एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस एकादशी का बहुत ज्यादा महत्व है। यह व्रत सूर्योदय से शुरू होता है और अगले दिन द्वादशी तिथि पर समाप्त होता है। ऐसी मान्यता है कि जो लोग इस तिथि पर व्रत रखते हैं और भगवान विष्णु की पूजा करते हैं उन्हें सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है।
वहीं, इस पावन मौके (Jaya Ekadashi 2025 Rules) को लेकर कुछ नियम बनाए गए हैं, जिनका पालन करना बहुत जरूरी होता है, तो आइए उन्हें जानते हैं।
जया एकादशी पर क्या करें? (Jaya Ekadashi 2025 Dos)
- जया एकादशी पर ब्रह्म मुहूर्त में उठें।
- भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करें।
- विधिपूर्वक व्रत का पालन करें।
- व्रत का पारण द्वादशी तिथि में ही करें।
- भोग व पूजा में तुलसी पत्र जरूर शामिल करें।
- व्रती दिन में सोने से बचें।
- इस दिन भजन-कीर्तन और श्री हरि के वैदिक मंत्रों का जाप करें।
जया एकादशी पर क्या न करें? (Jaya Ekadashi 2025 Donts)
- इस तिथि पर तामसिक चीजों का सेवन न करें।
- इस दिन किसी के लिए अभद्र भाषा का उपयोग न करें।
- इस दिन चावल का सेवन भूलकर भी न करें।
- इस दिन तुलसी के पत्ते को न तोड़ें, क्योंकि इस दिन मां तुलसी भी व्रत रखती हैं।
- इसलिए एक दिन पहले पूजा के लिए तुलसी दल तोड़कर रख लें।
- इस दिन किसी के साथ वाद-विवाद न करें.
- इस दिन घर को अच्छी तरह से साफ रखें।
- इस दिन तामसिक भोजन का सेवन न करें।
जया एकादशी कब है? (Jaya Ekadashi 2025 Date And Time)
वैदिक पंचांग के अनुसार, माघ महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 07 फरवरी को रात 09 बजकर 26 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इसका समापन 08 फरवरी को रात 08 बजकर 15 मिनट पर होगा। पंचांग को देखते हुए, इस साल जया एकादशी का व्रत दिन शनिवार, 08 फरवरी को रखा जाएगा।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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