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    Masik Durgashtami 2025 Date: जनवरी महीने में कब है दुर्गा अष्टमी? एक क्लिक में नोट करेंशुभ मुहूर्त एवं महत्व

    सनातन शास्त्रों में जगत की देवी मां दुर्गा (Masik Durgashtami 2025) की महिमा का गुणगान विस्तारपूर्वक से किया गया है। मां दुर्गा के शरण और चरण रहने वाले साधकों की बिगड़ी किस्मत भी संवर जाती है। साधक दुर्गा अष्टमी तिथि पर जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा की कठिन भक्ति करते हैं। इस शुभ अवसर पर कई मंगलकारी योग बन रहे हैं।

    By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Wed, 01 Jan 2025 08:03 PM (IST)
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    Masik Durgashtami 2025 Date: मासिक दुर्गा अष्टमी का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में मासिक दुर्गा अष्टमी का विशेष महत्व है। यह पर्व जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा को समर्पित होता है। इस शुभ अवसर पर मां दुर्गा की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त दुर्गा अष्टमी का व्रत रखा जाता है। जगत की देवी मां दुर्गा की साधना करने से भक्तजन के सभी दुख दूर हो जाते हैं। साथ ही जीवन में खुशियों का आगमन होता है। मां बेहद दयालु एवं कृपालु हैं। उनकी कृपा साधक पर बरसती है। साधक श्रद्धा भाव से दुर्गा अष्टमी पर मां दुर्गा की कठिन साधना एवं उपासना करते हैं। अगर आप भी जीवन में दुखों से छुटकारा पाना चाहते हैं, अष्टमी तिथि पर मां दुर्गा की पूजा अवश्य करें। आइए, दुर्गा अष्टमी का शुभ मुहूर्त एवं महत्व (Masik Durgashtami 2025 Date) जानते हैं-

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    मासिक दुर्गाष्टमी शुभ मुहूर्त (Masik Durga Ashtami Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, पौष माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 06 जनवरी को संध्याकाल 06 बजकर 23 मिनट पर  होगी। वहीं, अष्टमी तिथि की समाप्ति 07 जनवरी को शाम 04 बजकर 26 मिनट पर होगी। सनातन धर्म में सूर्य उदय से तिथि की गणना की जाती है। अतः 07 जनवरी को पौष माह की दुर्गा अष्टमी मनाई जाएगी।

    दुर्गा अष्टमी महत्व

    शिव ही शक्ति हैं और शक्ति ही शिव हैं। अतः साधक मां दुर्गा की कठिन पूजा-भक्ति करते हैं। कठिन साधना करने वाले साधकों पर देवी मां की असीम कृपा बरसती है। उनकी कृपा से सोया हुआ भाग्य में चमक उठता है। गरीबी और दरिद्रता दूर हो जाती है। घर में सुखों का आगमन होता है। इस शुभ अवसर पर मंदिरों में शिव-शक्ति की विशेष पूजा-आरती की जाती है। बड़ी संख्या में भक्तजन भक्तजनमहादेव संग मां पार्वती के दर्शन हेतु मंदिर आते हैं।  

    पंचांग

    सूर्योदय - सुबह 07 बजकर 15 मिनट पर

    सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 40 मिनट पर

    चंद्रोदय- दोपहर 12 बजकर 06 मिनट पर

    चंद्रास्त- देर रात 01 बजकर 23 मिनट पर

    शुभ समय

    ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 26 मिनट से 06 बजकर 21 मिनट तक

    विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 12 मिनट से 02 बजकर 53 मिनट तक

    गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 37 मिनट से 06 बजकर 05 मिनट तक

    निशिता मुहूर्त- रात 12 बजे से 12 बजकर 55 मिनट से...

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।