Holika Dahan 2025: कौन हैं भद्रा? जिसका होलिका दहन पर पड़ने वाला है साया
होली के पर्व को देशभर में कई तरह से मनाया जाता है। इस दौरान देश के कई हिस्सों में खास उत्साह देखने को मिलता है। इससे एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है। भद्रा काल (Who is Bhadra) में होलिका दहन करने की मनाही है क्योंकि भद्रा काल में शुभ और मांगलिक काम नहीं किए जाते हैं। ऐसा करने से साधक को शुभ फल की प्राप्ति नहीं होती है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। फाल्गुन माह के अधिक घूमधाम के साथ होली के पर्व को मनाया जाता है। इस पर्व के आने का लोग बेसब्री से इंतजार करते हैं। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस बार होलिका दहन 13 मार्च को है और अगले दिन यानी 14 मार्च को होली है। होलिका दहन पर भद्रा का साया रहता है। भद्रा काल के दौरान होलिका दहन करना अशुभ माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भद्रा कौन हैं? अगर नहीं पता, तो आइए हम आपको बताएंगे इसके बारे में विस्तार से।
कौन हैं भद्रा (Who is Bhadra)
सनातन शास्त्रों के अनुसार, भद्रा (Bhadra Origin) शनि देव की बहन यानी सूर्यदेव की पुत्री हैं। भद्रा का स्वभाव क्रोधी माना गया है। भद्रा के स्वभाव क्रोध की वजह से शुभ और मांगलिक काम को भद्रा (Bhadra Significance) की अवधि में नहीं किया जाता है। इस दौरान इन कामों को करने से साधक को शुभ फल की प्राप्ति नहीं होती है। इसी वजह से भद्रा काल के समय शुभ और मांगलिक काम न करने की सलाह दी जाती है।
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भद्रा में क्या न करें
भद्रा के दौरान यात्रा करने से बचना चाहिए। अगर किसी जरुरी काम से यात्रा करनी है, तो ध्यान रखें कि जिस दिशा में भद्रा का वास हो उस दिशा में यात्रा न करें। इसके अलावा भद्रा में यज्ञ करना, स्नान करना और पूजा-पाठ नहीं करना चाहिए।
होलिका दहन 2025 डेट और शुभ मुहूर्त (Holika Dahan 2025 Date and Shubh Muhurat)
पंचांग के अनुसार, होलिका दहन 13 मार्च को किया जाएगा। होलिका दहन को छोटी होली के नाम से भी जाना जाता है। 13 मार्च को होलिका दहन करने का शुभ मुहूर्त रात 11 बजकर 26 मिनट से लेकर देर रात 12 बजकर 30 मिनट तक है।
होलिका दहन 2025 भद्रा टाइम (Holika Dahan Bhadra Timing)
ज्योतिषीय गणना के अनुसार, 13 मार्च को भद्रा की शुरुआत सुबह 10 बजकर 35 मिनट से लेकर देर रात 11 बजकर 26 मिनट तक है। भद्रा के समय होलिका दहन करने की मनाही है।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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