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Holika Dahan 2024: होलिका दहन पर रहेगा भद्रा का साया, पूजा के लिए मिलेगा सिर्फ इतना समय

होली से एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है। इस बार होलिका दहन 24 मार्च को है। जानकारी के लिए बता दें कि इस बार होलिका दहन पर चंद्र ग्रहण के साथ भद्रा का साया रहेगा। धार्मिक मत के अनुसार भद्राकाल को शुभ नहीं माना गया है। इस अवधि के दौरान पूजा और शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Published: Sat, 23 Mar 2024 10:08 AM (IST)Updated: Sat, 23 Mar 2024 10:08 AM (IST)
Holika Dahan 2024: होलिका दहन पर रहेगा भद्रा का साया, पूजा के लिए मिलेगा सिर्फ इतना समय

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Holika Dahan 2024 Date and BhadraTime: देशभर में अधिक उत्साह के साथ होली का पर्व मनाया जाता है। इससे एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है। होलिका दहन 24 मार्च को है। जानकारी के लिए बता दें कि इस बार होलिका दहन पर चंद्र ग्रहण के साथ भद्रा का साया रहेगा। ऐसे में आइए जानते हैं कि होलिका दहन के शुभ मुहूर्त के बारे में।

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फाल्गुन पूर्णिमा तिथि और समय

पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 24 मार्च, 2024 - सुबह 09 बजकर 54 मिनट से।

पूर्णिमा तिथि समाप्त 25 मार्च, 2024 -दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर।

धार्मिक मत के अनुसार, भद्राकाल को शुभ नहीं माना गया है। इस अवधि के दौरान पूजा और शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। पंचांग के अनुसार, 24 मार्च को सुबह 09 बजकर 54 से भद्रा की शुरुआत होगी। इसका समापन रात्रि 11 बजकर 13 मिनट पर होगा। होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 24 मार्च 2024 को रात 11 बजकर 14 मिनट से लेकर देर रात्रि को 12 बजकर 20 मिनट तक है।

भद्रा का रहेगा साया

पंचांग के अनुसार, 24 मार्च भद्रा पूंछ शाम 06 बजकर 33 मिनट से लेकर रात 07 बजकर 53 मिनट तक रहेगी और भद्रा मुख रात 07 बजकर 53 मिनट से लेकर रात 10 बजकर 06 मिनट तक रहेगी।

होलिका पूजन मंत्र

होलिका के लिए मंत्र- ॐ होलिकायै नम:

परमभक्त प्रह्लाद के लिए मंत्र- ॐ प्रह्लादाय नम:

भगवान नरसिंह के लिए मंत्र- ॐ नृसिंहाय न

होलिका दहन में कुछ चीजें अर्पित कर रहे हैं, तो इस मंत्र को बोलना शुभ माना जाता है।

अहकूटा भयत्रस्तैः कृता त्वं होलि बालिशैः। अतस्वां पूजयिष्यामि भूति-भूति प्रदायिनीम्।

होलिका भस्म का मंत्र

अगर होलिका दहन के बाद उसकी भस्म को अपने माथे में लगा रहे हैं, तो इस मंत्र को बोले।

वंदितासि सुरेन्द्रेण ब्रह्मणा शंकरेण च।

अतस्त्वं पाहि मां देवी! भूति भूतिप्रदा भव।।

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डिसक्लेमर- 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'


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