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    Holi 2024: एक नहीं कई वजहों से महत्वपूर्ण है होली का पर्व, जानिए कारण

    Updated: Sat, 23 Mar 2024 02:54 PM (IST)

    होली का पर्व राधा-कृष्ण के अटूट प्रेम का प्रतीक है। होली देश के हर क्षेत्रों में मनाई जाती है और लोग इस त्योहार को बेहद खुशी और उत्साह के साथ मनाते हैं। इस साल यह पर्व (Holi 2024) फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि 25 मार्च 2024 को मनाया जाएगा। तो आइए इससे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं -

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    Holi 2024: एक नहीं कई वजहों से महत्वपूर्ण है होली का पर्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Holi 2024: होली का त्योहार हर साल फाल्गुन महीने के दौरान मनाया जाता है। लोग बसंत के आगमन का आनंद लेने के लिए होली मनाते हैं। होली खुशी का त्योहार है और यह जीवन के साथ - साथ वातावरण के अंधकार को भी दूर कर देता है। इस साल यह 25 मार्च, 2024 को मनाया जाएगा।

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    कामदेव हुए भस्म

    मां सती की मृत्यु होने के बाद शिव जी इतने गहरे ध्यान में लीन हो गए कि पूरा जगत कष्ट से घिर गया। फिर देवी सती ने पार्वती के रूप में पुनर्जन्म लिया, लेकिन शिव जी ध्यान में इतना लीन थे कि उन्हें प्रसन्न करने के देवी पार्वती के सभी प्रयास विफल हो गए। बाद में उन्होंने कामदेव से सहायता मांगी। कामदेव ने शिव के हृदय में अपना प्रेम बाण चला दिया, जिससे वे क्रोध में अपने ध्यान से जाग गए और उन्हें अपने तीसरे नेत्र से भस्म कर दिया।

    पूरी जानकारी मिलने पर शिव जी ने उनकी मदद करने का वादा किया। ऐसा माना जाता है कि होली के दिन ही भगवान शंकर ने कामदेव को भस्म कर दिया था। उनके बलिदान के परिणामस्वरूप, दक्षिण भारत के लोग इस दिन उनकी पूजा करने लगे।

    राधा-कृष्ण का अटूट प्रेम

    होली का पर्व राधा-कृष्ण के अटूट प्रेम का भी प्रतीक माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन कृष्ण भगवान ने अपनी मां यशोदा से मार्गदर्शन मांगा था कि वह अपने गहरे नीले रंग और बहुत अलग त्वचा से राधा रानी को कैसे प्रसन्न करें। उनकी बात सुनकर यशोदा मां ने श्रीकृष्ण को राधा रानी को अपने रंग में रंगने की सलाह दी।

    फिर भगवान कृष्ण ने देवी राधा से अपने प्यार का इजहार किया और मजाक में उनकी त्वचा को अपनी त्वचा जैसा बना दिया। तब से, राधा कृष्ण के प्रेम का सम्मान करने के लिए भक्त रंगों वाली होली मनाने लगे।  

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    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'