Move to Jagran APP

Satyanarayan puja: सत्यनारायण पूजा के लिए बेहद शुभ है यह तिथि, व्रत और पूजन से बन जाते हैं सभी बिगड़े काम

फाल्गुन पूर्णिमा (Falgun Purnima 2024) का दिन सभी धार्मिक गतिविधियों जैसे कि हवन गंगा नदी में पवित्र स्नान दान आदि के लिए शुभ है। इस पवित्र दिन पर विष्णु जी के मंदिरों में जाना अत्यधिक लाभकारी होता है क्योंकि वे इस जगत के संरक्षक हैं और यह वह दिन भी है जब उन्होंने अपने भक्त प्रहलाद की रक्षा की थी।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Published: Sat, 23 Mar 2024 12:10 PM (IST)Updated: Sat, 23 Mar 2024 12:57 PM (IST)
Satyanarayan puja: सत्यनारायण पूजा के लिए बेहद शुभ है यह तिथि, व्रत और पूजन से बन जाते हैं सभी बिगड़े काम
Satyanarayan Puja: सत्यनारायण पूजा कैसे करें ?

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Satyanarayan Puja: पूर्णिमा का हिंदुओं में बड़ा धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। इस दिन भगवान श्री हरि विष्णु और भगवान सत्यनारायण की पूजा होती है। ज्यादातर भक्त इस शुभ दिन पर सत्यनारायण व्रत का पालन करते हैं। फाल्गुन पूर्णिमा 24 मार्च, 2024 को छोटी होली के दिन मनाई जाएगी।

loksabha election banner

फाल्गुन पूर्णिमा तिथि और समय

पूर्णिमा तिथि की शुरुआत - 24 मार्च, 2024 - 09:54 से

पूर्णिमा तिथि का समापन - 25 मार्च, 2024 - 12:29 तक।

सत्यनारायण पूजा का महत्व

फाल्गुन पूर्णिमा की तिथि सबसे शुभ तिथियों में से एक मानी जाती है, क्योंकि इस शुभ दिन पर साधक सत्यनारायण व्रत भी रखते हैं। पूर्णिमा का दिन सभी धार्मिक गतिविधियों जैसे कि हवन, गंगा नदी में पवित्र स्नान, दान आदि के लिए शुभ है।

इस पवित्र दिन पर विष्णु जी के मंदिरों में जाना अत्यधिक लाभकारी होता है, क्योंकि वे इस जगत के संरक्षक हैं और यह वह दिन भी है जब उन्होंने अपने भक्त प्रहलाद की रक्षा की थी।

सत्यनारायण पूजा कैसे करें ?

  • सुबह उठकर स्नान करें।
  • घर और मंदिर को साफ करें।
  • सुबह व्रत भगवान का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें।
  • एक वेदी पर भगवान सत्यनारायण की प्रतिमा स्थापित करें।
  • पंचामृत से स्नान करवाएं।
  • गोपी चंदन या हल्दी का तिलक लगाएं।
  • देसी घी का दीपक जलाएं।
  • पीले फूलों की माला और पीली मिठाई जो घर में बनी हो अर्पित करें।
  • पंचामृत और पंजीरी का प्रसाद भगवान सत्यनारायण को अवश्य चढ़ाएं।
  • प्रसाद में तुलसी पत्र अवश्य शामिल करें।
  • सत्यनारायण व्रत कथा का पाठ करें या फिर सुनें।
  • विष्णु सहस्रनाम, श्री हरि स्तोत्र का भी पाठ कर सकते हैं।
  • भगवान विष्णु की आरती करें और उनका आशीर्वाद लें।
  • व्रत रखने वाले लोग शाम को भगवान चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही अपना व्रत खोलें।

यह भी पढ़ें: Holika Dahan 2024: होलिका दहन पर रहेगा भद्रा का साया, पूजा के लिए मिलेगा सिर्फ इतना समय

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.