Holashtak 2025: होलाष्टक के दौरान जरूर करें इन चीजों का दान, नहीं पड़ेगा इसका बुरा प्रभाव
हिंदू धर्म में होलाष्टक की अवधि बहुत खास होती है। इसकी शुरुआत हर साल फाल्गुन महीने में होली से आठ दिन पहले होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस अवधि में शुभ काम नहीं किए जाते हैं। हालांकि धार्मिक कार्य में कोई मनाही नहीं होती है। वहीं इस दौरान (Holashtak 2025) दान-पुण्य का विशेष महत्व है तो आइए यहां जानते हैं कि क्या दान करना चाहिए?

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। रंगों के त्योहार होली के आने से पहले कुछ दिन ऐसे भी होते हैं, जिन्हें बहुत अशुभ माना जाता है। इस अवधि को होलाष्टक के नाम से जाना जाता है। होलाष्टक आठ दिनों की अवधि है, जो फाल्गुन माह में शुक्ल पक्ष के आठवें दिन से शुरू होती है और पूर्णिमा के दिन समाप्त होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, होलाष्टक (Holashtak 2025) 7 मार्च, 2025 से शुरू हुए हैं। वहीं, इसका समापन होलिका दहन के दिन यानी 13 मार्च, 2025 को होगा। इस दौरान मांगलिक काम नहीं किए जाते हैं। हालांकि पूजा-पाठ व दान-पुण्य का बड़ा महत्व है, तो आइए जानते हैं कि इस दौरान क्या दान करना चाहिए?
होलाष्टक पर करें ये दान (Holashtak 2025 Daan List)
दीप दान
होलाष्टक के दौरान दीप दान करने का बड़ा महत्व है। ऐसा कहते हैं कि होलाष्टक के समय दीपक जलाने से घर में शुभता आती है। इसके साथ ही नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। यही नहीं घर की दरिद्रता का भी नाश होता है।
अनाज दान
होलाष्टक के समय अनाज वस्त्र, फल, धन और जल आदि का दान जरूर करना चाहिए। कहते हैं कि इससे घर में सुख और समृद्धि आती है। यह अवधि दान के लिए बेहद शुभ होती है। इसलिए इस दौरान अन्न का दान जरूर करें। इससे घर में बरकत होती है।
शृंगार की सामग्री का दान
होलाष्टक के दौरान 16 शृंगार का दान बहुत ज्यादा शुभ माना जाता है। यह दान करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। कहते हैं कि जो महिलाएं ऐसा करती हैं, उनका वैवाहिक जीवन सुखी होता है। साथ ही सुख और सौभाग्य बढ़ता है।
कब होगा होलाष्टक का समापन? (Holashtak 2025 End Date)
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल होलाष्टक 07 मार्च से शुरू हो चुके हैं। वहीं, इसका समापन होलिका दहन के दिन यानी 13 मार्च 2025 को होगा। वहीं, 14 मार्च को होली का त्योहार मनाया जाएगा।
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