Hindu Vivah Rituals: हिंदू विवाह में वधू वर के बाईं ओर ही क्यों है बैठती? जानिए कारण
Hindu Vivah Rituals हिंदू शास्त्रों के अनुसार दुल्हन को दुल्हे के बाएं ओर बैठना शुभ माना जाता है। इसके साथ ही वह आने वाले समय में हर शुभ और मांगलिक काम पति के बाएं ओर बैठकर ही करती हैं। जानिए इसका कारण

नई दिल्ली, Hindu Vivah Rituals: हिंदू विवाह के दौरान विभिन्न तरह के रीति-रिवाज होते हैं, जिन्हें विधि-विधान के साथ किया जाता है। हल्दी, मेहंदी से लेकर सात फेरे लेने तक कई तरह की रस्मे होती है, को 4-5 दिनों तक चलती हैं। लेकिन इन रस्मों मे से एक रस्म ऐसी होती है, जो धर्मपत्नी को जीवन भर निभानी होती है। दुल्हन का दूल्हे के बाएं ओर बैठना। शास्त्रों के अनुसार शादी से लेकर हर शुभ और मांगलिक काम में पत्नी को अपने पति के बाएं ओर ही बैठना होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं पत्नी हमेशा अपने पति के बाईं ओर ही क्यों बैठती है? पत्नी का स्थान पति के बाईं ओर ही क्यों माना गया है? जानिए इसका महत्व और कारण।
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भगवान शिव से भी है संबंध
हिंदू धर्म में किसी भी पूजा-पाठ, धार्मिक आयोजन, संस्कार से लेकर विवाह तक में पत्नी को पति के बाईं ओर बैठकर हर परंपरा को निभाना होता है। इसी के कारण पत्नी को 'वामांगी' कहा गया है। जिसका मतलब है कि बाएं अंग का अधिकारी। माना जाता है कि भगवान शिव के बाएं अंग से स्त्री की उत्पत्ति हुई थी। जिसका एक प्रतीक है शिव जी का अर्धनारीश्वर स्वरूप।
व्यक्ति का हृदय से संबंधित
ऐसा माना जाता है कि अगर दुल्हन पति के बाएं ओर बैठती है, तो वह उसके हृदय में हमेशा वास करती हैं। क्योंकि इसी तरह पुरुषों का हृदय होता है। ऐसे में जीवनभर वैवाहिक जीवन में खुशियां आती रहती हैं।
बाएं हाथ प्रेम का प्रतीक
एक दूसरी मान्यता के अनुसार, बाएं हाथ को प्रेम और सौहार्द का प्रतीक माना जाता है। इसी के कारण दुल्हन को बाईं ओर बैठाया जाता है, जिससे कि वर-वधु के बीच प्रेम हमेशा बना रहें।
भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी से संबंधित
शास्त्रों के अनुसार, मां लक्ष्मी हमेशा भगवान विष्णु के बाएं ओर ही बैठती हैं। इसी तरह दुल्हन को मां लक्ष्मी और दूल्हे को विष्णु जी का स्वरूप माना जाता है। इसी के कारण शादी में दुल्हन दूल्हे के बाएं ओर बैठती हैं, जिससे मां लक्ष्मी की कृपा से सुख-समृद्धि और खुशहाली बनी रहें।
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