Hartalika Teej Vrat में सोना चाहिए या नहीं, पानी कब पिएं? जानें ऐसे ही 5 सवालों के जवाब
हिंदू पंचांग के मुताबिक भाद्रपद माह की शुक्ल की तृतीया तिथि पर हरतालिका तीज (Hartalika Teej 2025) का व्रत किया जाता है। इस बार यह व्रत आज यानी 26 अगस्त को किया जा रहा है। इस व्रत को कठिन व्रत में से एक माना जाता है। चलिए जानते हैं हरतालिका तीज व्रत से जुड़े कुछ जरूरी नियम।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हरतालिका तीज व्रत (Hartalika Teej vrat niyam) मुख्य रूप से सुहागिन महिलाओं द्वारा किया जाता है। इस व्रत को महिलाएं खुशहाल वैवाहिक जीवन की कामना के साथ रखती हैं। वहीं कुवांरी लड़कियों द्वारा भी यह व्रत किया जाता है। इस व्रत को लेकर लोगों के मन में कई सवाल उठ रहे हैं। तो चलिए जानते हैं ऐसे ही कुछ सवालों के जवाब।
1. कुंवारी कन्याएं क्यों करती हैं हरतालिका तीज का व्रत?
हरतालिका तीज का व्रत सुहागिन महिलाओं के साथ-साथ अविवाहित कन्याएं द्वारा भी किया जाता है। माना जाता है कि इस व्रत को करने से योग्य और मनचाहे वर की प्राप्ति हो सकती है।
3. हरतालिका तीज पर कौन-सा रंग पहनना है शुभ?
हरतालिका तीज के दिन हरे रंग के वस्त्र पहनना अधिक शुभ माना जाता है। यह रंग प्रकृति, समृद्धि और नवीकरण के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। इसके साथ ही इस दिन पर पीले और लाल रंग के वस्त्र भी पहने जा सकते है। लेकिन भूलकर भी काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए।
(Picture Credit: Freepik) (AI Image)
3. क्या हरतालिका तीज में सो सकते हैं?
हरतालिकी तीज का व्रत कठिन व्रतों में से एक है। मान्यताओं के अनुसार, हरतालिकी तीज का व्रत करने वाली महिलाओं को व्रत के दौरान दिन में और रात के समय सोना नहीं चाहिए।
4. हरतालिका तीज व्रत में कब पानी पी सकते हैं?
हरतालिका तीज का व्रत निर्जला किया जाता है और अगले दिन सूर्योदय के बाद पानी पिया जाता है। लेकिन, जो महिलाएं लंबे समय तक पानी पिए बिना नहीं रह पाती हैं, वे महिलाएं शाम की पूजा के बाद जल ग्रहण कर सकती हैं।
5. हरतालिका तीज व्रत में फलाहार कर सकते हैं?
हरतालिका तीज एक निर्जला व्रत है। ऐसे में इस व्रत में किसी भी तरह के अनाज का सेवन नहीं किया जाता। साथ ही इस व्रत में फल खाने की भी मनाही होती है। कई स्थानों पर व्रत वाले दिन ब्रह्म मुहूर्त में सरगी यानी फल और मिठाई आदि खाए जाते हैं।
यह भी पढ़ें- Hartalika Teej 2025: आखिर क्यों हरतालिका तीज की पूजा में प्रयोग होती हैं 16 तरह की पत्तियां, ये है वजह
यह भी पढ़ें- Rot Teej 2025: जैन धर्म में इस तरह मनाते हैं रोट तीज, बहुत ही खास संदेश देता है यह पर्व
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।