Hartalika Teej 2025: आखिर क्यों हरतालिका तीज की पूजा में प्रयोग होती हैं 16 तरह की पत्तियां, ये है वजह
वैदिक पंचांग के अनुसार हरतालिका तीज का त्योहार आज यानी 26 अगस्त (Hartalika Teej 2025 Date) को मनाया जा रहा है। इसे हर साल बेहद उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस व्रत को पति की दीर्घायु के लिए विधिपूर्वक किया जाता है। इस दिन पूजा में 16 तरह की पतियों को शामिल किया जाता है। इससे पूजा का पूर्ण का फल प्राप्त होता है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर हरतालिका तीज (Hartalika Teej 2025) का त्योहार मनाया जाता है। इस पर्व के दिन देवों के देव महादेव और मां पार्वती की पूजा-अर्चना करने का विधान है। हरतालिका तीज को तीजों के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन विधिपूर्वक व्रत और उपासना करने से सुहागिन महिलाओं अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है और वैवाहिक जीवन में खुशियों का आगमन होता है।
कुंवारी लड़कियों के विवाह में आ रही बाधा से छुटकारा मिलता है। इस दिन पूजा के दौरान महादेव को 16 तरह की पत्तियां अर्पित की जाती है। ऐसा माना जाता है कि इस उपाय को करने से महादेव प्रसन्न होकर साधक की सभी मुरादें पूरी करते हैं। साथ ही शुभ फल की प्राप्ति होती है। ऐसे में चलिए इस आर्टिकल में जानते हैं कि हरतालिका तीज के दिन शिवलिंग पर क्या चढ़ाना चाहिए।
शिव जी को चढ़ाएं ये चीजें
इस दिन सुहागिन महिलाएं और कुंवारी लड़कियां पूजा के समय शिव जी को 16 तरह की पत्तियों को अर्पित कर मनचाहे वर की प्राप्ति और वैवाहिक जीवन में खुशियों के आगमन के लिए के लिए कामना करती हैं। आम के पत्ते, बिल्वपत्र, शमी के पत्ते, कनेर के पत्ते, नीम, अशोक के पत्ते, भृंगराज , जातीपत्र, बांस के पत्ते, केले के पत्ते, अगस्त्य, सेवंतिका, देवदार पत्र, पान के पत्ते, धतूरा और चंपा।
प्रसन्न होंगे महादेव
अगर आप हरतालिका तीज के दिन भगवान शिव को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो पूजा के समय केसर अर्पित करें। धर्मिक मान्यता के अनुसार, इस उपाय को करने से महादेव साधक की सभी मुरादें पूरी करते हैं और जीवन में खुशियों का आगमन होता है। साथ ही बिगड़े काम पूरे होते हैं।
धन की कमी होगी दूर
अगर आप लंबे समय से आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं, तो हरतालिका तीज के शुभ अवसर पर भगवान शिव का गन्ने के रस से अभिषेक करें। इस उपाय को करने से आर्थिक तंगी की समस्या से छुटकारा मिलता है और साधक को जीवन में कभी भी अन्न-धन की कमी नहीं होती है।
इन बातों का रखें ध्यान
पूजा के समय शिवलिंग पर सबसे अर्पित समय ध्यान रखें कि तांबे के लोटे का ही प्रयोग करें। इस दौरान ओम नमः शिवाय मंत्र का जप करें। इससे साधक को पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होगा। पूजा के समय प्लास्टिक के बर्तन का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
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