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    Hanuman Ji: क्या आप जानते हैं आजीवन ब्रह्मचारी रहे हनुमान जी के पुत्र के बारे में, जानिए कैसे हुआ उसका जन्म

    By Suman SainiEdited By: Suman Saini
    Updated: Thu, 29 Jun 2023 01:14 PM (IST)

    Hanuman Ji प्रभु श्रीराम के परम भक्त रहे हनुमान जी रामायण में सबसे महत्वपूर्ण पात्रों में से एक हैं। वह 8 चिरंजीवियों में से भी एक हैं। उनकी भक्ति और शक्ति अपार है। वह भगवान शिव जी के सभी अवतारों में सबसे बलवान और बुद्धिमान माने जाते हैं। हनुमान जी प्रभु श्रीराम की सहायता के लिए ही अवतरित हुए थे।

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    Hanuman Ji कैसे हुआ हनुमान जी के पुत्र का जन्म

    नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Hanuman Ji:  हनुमान जी ने अपना पूरा जीवन श्री राम की सेवा में बिताया और हर कदम पर उनकी रक्षा के लिए तत्पर रहे थे। हनुमान जी ब्रह्मचारी थे। लेकिन क्या आपको पता है कि उनका एक पुत्र भी था। वाल्मीकि रामायण में इससे संबंधित एक प्रसंग का वर्णन भी मिलता है। आइए जानते हैं हनुमान जी के पुत्र की उत्पत्ति कैसे हुई।

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    कैसे पसीने की बूंद से हुआ जन्म

    हनुमान जी के पुत्र का नाम मकरध्वज था। उसकी उत्पत्ति की बड़ी ही रोचक कथा मिलती है। पौराणिक कथा के अनुसार, हनुमान जी लंका जला कर समुद्र में आग बुझाने को कूदे थे, तब उनके शरीर का तापमान बहुत ज्यादा था। जब वह सागर के ऊपर थे, तब उनके शरीर के पसीने की एक बूंद सागर में गिर गई थी, जिसे एक मकर अर्थात मछली ने पी लिया था, और उसी पसीने की बूंद से उसने गर्भधारण किया। एक मछली से जन्म लेने के कारण ही हनुमान जी के पुत्र का नाम मकरध्वज पड़ा।

    कहां हुई पहली बार भेंट

    जब पाताल लोक के असुरराज अहिरावण ने अपने भाई रावण के कहने पर प्रभु राम और लक्ष्मण को बंदी बना लिया था। और उन्हें पाताल लोक लेकर चला गया था। तब हनुमान जी प्रभु राम और लक्ष्मण को खोजते हुए पाताल लोक पहुंच गए। जब हनुमान जी पाताल लोक पहुंचे तो उन्होंने देखा कि वहां सात द्वार थे और हर द्वार पर एक पहरेदार था। सभी पहरेदारों को हनुमान जी ने हरा दिया, लेकिन अंतिम द्वार पर उन्हीं के समान बलशाली एक वानर पहरा दे रहा था। वहां हनुमान जी अपने जैसे पहरेदार को देखकर अचंभित रह गए। उस पहरेदार का नाम मकरध्वज था। उसने स्वयं को हनुमान का पुत्र बताया। हनुमान जी इस बात को मानने को तैयार नहीं हुए, तब मकरध्वज ने अपनी उत्पत्ति की कथा हनुमान जी को सुनाई।

    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'