Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Hanuman Janmotsav पर भद्रावास योग समेत बन रहे हैं कई दुर्लभ संयोग, बनेंगे सारे बिगड़े काम

    धार्मिक मत है कि हनुमान जी (Hanuman Jayanti date) की पूजा करने से साधक को सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति मिलती है। साथ ही अतुल बल की प्राप्ति होती है। ज्योतिष कुंडली में अशुभ ग्रहों से मुक्ति पाने के लिए हनुमान जी की पूजा करने की सलाह देते हैं। हनुमान जी की पूजा करने से करियर और कारोबार को भी नया आयाम मिलता है।

    By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Tue, 08 Apr 2025 05:47 PM (IST)
    Hero Image
    Hanuman Janmotsav 2025: हनुमान जी को कैसे प्रसन्न करें?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, 12 अप्रैल को चैत्र पूर्णिमा है। इस दिन हनुमान जन्मोत्सव भी मनाया जाता है। सनातन शास्त्रों में निहित है कि चैत्र पूर्णिमा  तिथि पर हनुमान जी (Hanuman Janmotsav 2025 Kab Hai) का अवतरण हुआ था। अत: हर साल चैत्र पूर्णिमा तिथि पर हनुमान जन्मोत्सव मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर राम भक्त हनुमान जी की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। साथ ही मनचाहा वरदान पाने के लिए व्रत भी रखा जाता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ज्योतिषियों की मानें तो हनुमान जन्मोत्सव पर भद्रावास समेत कई मंगलकारी योग बन रहे हैं। इन योग में हनुमान जी की उपासना करने से साधक को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होगी। साथ ही जीवन में व्याप्त दुख एवं संकट दूर हो जाएंगे। आइए, हनुमान जन्मोत्सव (Hanuman Janmotsav 2025 Date) की सही डेट एवं शुभ मुहूर्त जानते हैं-

    यह भी पढ़ें: काशी विश्वनाथ मंदिर में कब की जाती है शयन आरती और क्या है धार्मिक महत्व?

    हनुमान जन्मोत्सव शुभ मुहूर्त (Hanuman Janmotsav 2025 shubh muhurat)

    12 अप्रैल को देर रात 03 बजकर 21 मिनट पर चैत्र पूर्णिमा शुरू होगी। वहीं, अगले दिन यानी 13 अप्रैल को सुबह 05 बजकर 51 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में सूर्योदय से तिथि की गणना की जाती है। इस प्रकार 12 अप्रैल को चैत्र पूर्णिमा मनाई जाएगी। इस शुभ अवसर पर हनुमान जन्मोत्सव मनाया जाएगा।

    भद्रावास योग (Hanuman Janmotsav 2025 shubh Yoga)

    ज्योतिषियों की मानें तो हनुमान जन्मोत्सव पर भद्रावास योग का संयोग बन रहा है। इस योग का संयोग शाम 04 बजकर 35 मिनट तक है। इस दौरान भद्रा पाताल में रहेंगी। भद्रा का पाताल में रहना पृथ्वीवासी के लिए शुभ माना जाता है। इसके साथ ही हस्त और चित्रा नक्षत्र का संयोग है। इसके अलावा, अभिजीत मुहूर्त 11 बजकर 56 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 48 मिनट तक है। इस दौरान हनुमान जी की पूजा करने से हर एक मनोकामना पूरी होगी।

    पंचांग

    • सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 59 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 45 मिनट पर
    • चन्द्रोदय- शाम 06 बजकर 18 मिनट पर
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 29 मिनट से 05 बजकर 14 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 21 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 44 मिनट से 07 बजकर 06 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 59 मिनट से 12 बजकर 44 मिनट तक

    यह भी पढ़ें: हनुमान जन्मोत्सव पर जरूर करें ये काम, बरसेगी बजरंगबली की कृपा

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।