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    Hanuman Janmotsav 2024: हनुमान जन्मोत्सव पर भद्रावास योग का हो रहा है निर्माण, प्राप्त होगा कई गुना लाभ

    सनातन शास्त्रों में निहित है कि चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि पर रामभक्त हनुमान जी का अवतरण हुआ है। इस दिन राम परिवार संग हनुमान जी की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होती है। बल बुद्धि विद्या और शक्ति प्रदान करने वाले हनुमान जी के शरणागत रहने वाले साधक के जीवन में मंगल ही मंगल होता है।

    By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Thu, 18 Apr 2024 04:22 PM (IST)
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    Hanuman Janmotsav 2024: हनुमान जन्मोत्सव पर भद्रावास योग का हो रहा है निर्माण

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Hanuman Jayanti 2024: हर वर्ष चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि पर हनुमान जन्मोत्सव मनाया जाता है। इस वर्ष 23 अप्रैल को हनुमान जन्मोत्सव है। इस दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के परम भक्त हनुमान जी की पूजा- उपासना की जाती है। सनातन शास्त्रों में निहित है कि चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि पर रामभक्त हनुमान जी का अवतरण हुआ है। इस दिन राम परिवार संग हनुमान जी की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होती है। बल, बुद्धि, विद्या और शक्ति प्रदान करने वाले हनुमान जी के शरणागत रहने वाले साधक के जीवन में मंगल ही मंगल होता है। ज्योतिषियों की मानें तो हनुमान जन्मोत्सव पर मंगलकारी भद्रावास योग का निर्माण हो रहा है। इस योग में हनुमान जी की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी। आइए जानते हैं-

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    शुभ मुहूर्त

    चैत्र पूर्णिमा 23 अप्रैल को देर रात 03 बजकर 25 मिनट पर शुरू होगी और 24 अप्रैल को सुबह 05 बजकर 18 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मान्य है। अतः 23 अप्रैल को चैत्र पूर्णिमा मनाई जाएगी। इसी दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के परम भक्त हनुमान जी का जन्मोत्सव मनाया जाएगा।

    भद्रावास योग

    ज्योतिषियों की मानें तो हनुमान जयंती पर भद्रावास योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण शाम 04 बजकर 25 मिनट तक हो रहा है। इस समय में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के परम भक्त हनुमान जी की पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी। इस दौरान भद्रा पाताल में रहेंगी। भद्रा के पाताल में रहने के दौरान पृथ्वी पर उपस्थित समस्त जीव जंतु एवं मानव जाति का कल्याण होता है।

    सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

    सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 47 मिनट पर

    सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 52 मिनट पर

    चन्द्रोदय- शाम 06 बजकर 52 मिनट पर

    चंद्रास्त- सुबह 05 बजकर 45 मिनट पर

    पंचांग

    ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 20 मिनट से 05 बजकर 04 मिनट तक

    विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 23 मिनट तक

    गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 50 मिनट से 07 बजकर 12 मिनट तक

    निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 57 मिनट से 12 बजकर 41 मिनट तक

    दिशा शूल - उत्तर

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    डिसक्लेमर-'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'