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    Hanuman Janmotsav 2025: हनुमान जन्मोत्सव पर रहेगा भद्रा का साया, जानिए कब कर सकेंगे पूजा

    पंचांग के अनुसार चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि को हनुमान जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस साल यह पर्व 12 अप्रैल को मनाया जाएगा। इस दिन भद्रा का साया रहने वाला है। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार भद्रा काल में किसी भी तरह का और मांगलिक काम करने की मनाही होती है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि आप कब हनुमान जी की पूजा कर सकेंगे।

    By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Fri, 11 Apr 2025 03:02 PM (IST)
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    Hanuman Janmotsav 2025 (Picture Credit: Freepik) (AI Image)

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। कई साधक बजरंगबली जी की कृपा प्राप्ति के लिए हनुमान जन्मोत्सव (Hanuman Janmotsav 2025) पर व्रत भी करते हैं। ऐसे में आप हनुमान जन्मोत्सव के खास अवसर पर हनुमान जी की कृपा प्राप्ति के लिए कुछ खास उपाय भी कर सकते हैं। चलिए जानते हैं इस बारे में।

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    क्या रहेगा भद्रा का समय

    हनुमान जन्मोत्सव के दिन भद्रा काल का साय रहने वाला है। ऐसे में इस दिन पर ब्रह्म मुहूर्त में या फिर भद्रा काल खत्म होने के बाद हनुमान जी की पूजा-अर्चना कर सकते हैं।

    भद्रा का समय - 12 अप्रैल सुबह 06 बजकर 22 मिनट से शाम 04 बजकर 35 मिनट तक

    अन्य शुभ मुहूर्त -

    ब्रह्म मुहूर्त - प्रातः 04 बजकर 50 मिनट से सुबह 05 बजकर 36 मिनट तक

    गोधूलि मुहूर्त - शाम 53 मिनट से शाम 07 बजकर 16 मिनट तक

    सायाह्न सन्ध्या - शाम 06 बजकर 53 से रात 08 बजकर 03 मिनट तक

    दान करें ये चीजें

    हनुमान जन्मोत्सव के दिन आपको दान आदि जरूर करना चाहिए। इस दिन पर लाल फूल, लाल चंदन, लाल रंग के कपड़े, बादाम और तांबे के बर्तनों आदि का दान करना काफी लाभकारी होगा। इससे बजरंगबली अति प्रसन्न होते हैं और साधक पर अपनी दया दृष्टि बनाए रखते हैं।

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    मिलेगी हनुमान जी की कृपा

    हनुमान जी की कृपा प्राप्ति के लिए हनुमान जन्मोत्सव के दिन प्रभु श्रीराम का ध्यान करें और उनके नामों का जप करें। इसी के साथ हनुमान मंदिर जाकर परिक्रमा जरूर करें और हनुमान जी को पान का बीढ़ा, बूंदी और सिंदूर आदि अर्पित कर चमेली के तेल का दीपक जलाएं। इस दिन पर मांस-मदिरा के सेवन से बचना चाहिए।

    हनुमान जी के मंत्र -

    • ॐ ​हं हनुमते नम:
    • ॐ ​नोम भगवते आंजनेयाय महाबलाय स्वाहा
    • ॐ ​हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट्
    • ओम नमो भगवते हनुमते नम:
    • ॐ ​हं पवननंदनाय स्वाहा
    • ॐ नमो हनुमते आवेशाय आवेशाय स्वाहा

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।