Hanuman Janmotsav 2025: किस दिन मनाया जाएगा हनुमान जन्मोत्सव? यहां दूर करें सही डेट का कन्फ्यूजन
मंगलवार का दिन राम भक्त हनुमान जी को समर्पित है। इस दिन भगवान राम और हनुमान जी की पूजा की जाती है। साथ ही हनुमान जी के निमित्त मंगलवार का व्रत रखा जाता है। वहीं चैत्र पूर्णिमा तिथि पर हनुमान जी की विशेष पूजा की जाती है। हनुमान जन्मोत्सव (Hanuman Janmotsav 2025 Date) मंदिरों में सुंदरकांड पाठ और रामचरितमानस का पाठ किया जाता है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर साल चैत्र पूर्णिमा तिथि पर हनुमान जन्मोत्सव मनाया जाता है। इस दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम और उनके परम भक्त हनुमान जी की पूजा की जाती है। सनातन शास्त्रों में निहित है कि चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि के बाद (पांच दिन) हनुमान जी (Hanuman Janmotsav 2025 Kab Hai) का अवतरण हुआ था। इस शुभ अवसर पर हर साल चैत्र पूर्णिमा तिथि पर हनुमान जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाता है।
धार्मिक मत है कि राम भक्त हनुमान जी की पूजा करने से काल, कष्ट, दुख और संकट दूर हो जाते हैं। साथ ही शनि की बाधा भी दूर हो जाती है। ज्योतिष भी करियर और कारोबार में सफलता पाने के लिए हनुमान जी की पूजा करने की सलाह देते हैं। हनुमान जी की पूजा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं। उनकी कृपा साधक पर बरसती है। इसके लिए साधक हनुमान जन्मोत्सव पर भक्ति भाव से राम जी संग हनुमान जी की पूजा करते हैं। आइए, हनुमान जन्मोत्सव (Hanuman Janmotsav 2025 Date) की सही डेट एवं शुभ मुहूर्त जानते हैं-
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हनुमान जन्मोत्सव शुभ मुहूर्त (Hanuman Janmotsav 2025 shubh muhurat)
वैदिक पंचांग के अनुसार, 12 अप्रैल को हनुमान जन्मोत्सव मनाया जाएगा। चैत्र पूर्णिमा 12 अप्रैल को देर रात 03 बजकर 21 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, 13 अप्रैल को सुबह 05 बजकर 51 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मान है। इस दिन चैत्र पूर्णिमा पर गंगा स्नान किया जाएगा। साथ ही श्रीसत्यनारायण देव की भी पूजा की जाएगी।
हनुमान जन्मोत्सव शुभ योग (Hanuman Janmotsav 2025 shubh Yoga)
ज्योतिषियों की मानें तो हनुमान जन्मोत्सव पर कई मंगलकारी योग बन रहे हैं। हनुमान जन्मोत्सव पर दुर्लभ भद्रावास योग का संयोग है। भद्रावास योग शाम 04 बजकर 35 मिनट तक है। इस दौरान भद्रा पाताल लोक में रहेंगी। भद्रा के पाताल में रहने के दौरान पृथ्वी पर समस्त जीव-जंतु का कल्याण होता है। इसके साथ ही हस्त और चित्रा नक्षत्र का संयोग हनुमान जन्मोत्सव पर बन रहा है।
पंचांग
- सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 59 मिनट पर
- सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 45 मिनट पर
- चन्द्रोदय- शाम 06 बजकर 18 मिनट पर
- ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 29 मिनट से 05 बजकर 14 मिनट तक
- विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 21 मिनट तक
- गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 44 मिनट से 07 बजकर 06 मिनट तक
- निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 59 मिनट से 12 बजकर 44 मिनट तक
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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