Hanuman Janmotsav 2025: हनुमान जन्मोत्सव पर ऐसे प्राप्त करें बजरंगबली की कृपा, जीवन में आएगी खुशहाली
हनुमान जन्मोत्सव का पर्व हर साल श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। इस दिन लोग भगवान हनुमान की पूजा करते हैं। इस दिन वीर हनुमान की आराधना करने से सभी तरह के कष्टों से छुटकारा मिलता है। हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल चैत्र पूर्णिमा (Chaitra Purnima 2025) के दिन हनुमान जन्मोत्सव (Hanuman Janmotsav 2025) का पर्व मनाया जाता है। इस बार यह पर्व 12 अप्रैल को मनाया जाएगा।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हनुमान जन्मोत्सव वीर हनुमान के जन्म का प्रतीक है। यह दिन हर किसी के लिए बहुत ज्यादा खास होता है। माना जाता है कि इस दिन हनुमान जी के लिए उपवास रखने और उनकी पूजा करने से सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल हनुमान जन्मोत्सव (Hanuman Janmotsav 2025) 12 अप्रैल, 2025 को मनाया जाएगा। ऐसे में इस दिन सुबह उठकर स्नान करें। हनुमान मंदिर जाएं और हनुमान जी के साथ राम परिवार की पूजा करें। तुलसी की माला, लड्डू, ऋतु फल, सिंदूर आदि चीजें अर्पित करें।
इसके बाद मां सीता के 108 नामों का जाप करें। अंत में आरती करें। ऐसा करने से कुंडली से अशुभ ग्रहों का प्रभाव समाप्त होगा। इसके साथ ही जीवन में खुशियों का आगमन होगा।
मां जानकी के 108 नाम (108 Names Of Maa Sita)
- ॐ सीतायै नमः
- ॐ जानक्यै नमः
- ॐ देव्यै नमः
- ॐ वैदेह्यै नमः
- ॐ राघवप्रियायै नमः
- ॐ रमायै नमः
- ॐ अवनिसुतायै नमः
- ॐ रामायै नमः
- ॐ राक्षसान्तप्रकारिण्यै नमः
- ॐ रत्नगुप्तायै नमः
- ॐ मातुलिङ्ग्यै नमः
- ॐ मैथिल्यै नमः
- ॐ भक्ततोषदायै नमः
- ॐ पद्माक्षजायै नमः
- ॐ कञ्जनेत्रायै नमः
- ॐ स्मितास्यायै नमः
- ॐ नूपुरस्वनायै नमः
- ॐ वैकुण्ठनिलयायै नमः
- ॐ मायै नमः
- ॐ श्रियै नमः
- ॐ मुक्तिदायै नमः
- ॐ कामपूरण्यै नमः
- ॐ नृपात्मजायै नमः
- ॐ हेमवर्णायै नमः
- ॐ मृदुलाङ्ग्यै नमः
- ॐ सुभाषिण्यै नमः
- ॐ कुशाम्बिकायै नमः
- ॐ दिव्यदायै नमः
- ॐ लवमात्रे नमः
- ॐ मनोहरायै नमः
- ॐ हनुमद् वन्दितपदायै नमः
- ॐ मुक्तायै नमः
- ॐ केयूरधारिण्यै नमः
- ॐ अशोकवनमध्यस्थायै नमः
- ॐ रावणादिकमोहिण्यै नमः
- ॐ विमानसंस्थितायै नमः
- ॐ सुभृवे नमः
- ॐ सुकेश्यै नमः
- ॐ रशनान्वितायै नमः
- ॐ रजोरूपायै नमः
- ॐ सत्वरूपायै नमः
- ॐ तामस्यै नमः
- ॐ वह्निवासिन्यै नमः
- ॐ हेममृगासक्त चित्तयै नमः
- ॐ वाल्मीकाश्रम वासिन्यै नमः
- ॐ पतिव्रतायै नमः
- ॐ महामायायै नमः
- ॐ पीतकौशेय वासिन्यै नमः
- ॐ मृगनेत्रायै नमः
- ॐ बिम्बोष्ठ्यै नमः
- ॐ धनुर्विद्या विशारदायै नमः
- ॐ सौम्यरूपायै नमः
- ॐ दशरथस्तनुषाय नमः
- ॐ चामरवीजितायै नमः
- ॐ सुमेधा दुहित्रे नमः
- ॐ दिव्यरूपायै नमः
- ॐ त्रैलोक्य पालिन्यै नमः
- ॐ अन्नपूर्णायै नमः
- ॐ महाल्क्ष्म्यै नमः
- ॐ धिये नमः
- ॐ लज्जायै नमः
- ॐ सरस्वत्यै नमः
- ॐ शान्त्यै नमः
- ॐ पुष्ट्यै नमः
- ॐ शमायै नमः
- ॐ गौर्यै नमः
- ॐ प्रभायै नमः
- ॐ अयोध्यानिवासिन्यै नमः
- ॐ वसन्तशीतलायै नमः
- ॐ गौर्यै नमः
- ॐ स्नान सन्तुष्ट मानसायै नमः
- ॐ रमानाम भद्रसंस्थायै नमः
- ॐ हेमकुम्भपयोधरायै नमः
- ॐ सुरार्चितायै नमः
- ॐ धृत्यै नमः
- ॐ कान्त्यै नमः
- ॐ स्मृत्यै नमः
- ॐ मेधायै नमः
- ॐ विभावर्यै नमः
- ॐ लघूधरायै नमः
- ॐ वारारोहायै नमः
- ॐ हेमकङ्कणमण्दितायै नमः
- ॐ द्विजपत्न्यर्पितनिजभूषायै नमः
- ॐ रघवतोषिण्यै नमः
- ॐ श्रीरामसेवनरतायै नमः
- ॐ रत्नताटङ्क धारिण्यै नमः
- ॐ रामवामाङ्कसंस्थायै नमः
- ॐ रामचन्द्रैक रञ्जिन्यै नमः
- ॐ सरयूजल सङ्क्रीडा कारिण्यै नमः
- ॐ राममोहिण्यै नमः
- ॐ सुवर्ण तुलितायै नमः
- ॐ पुण्यायै नमः
- ॐ पुण्यकीर्तये नमः
- ॐ कलावत्यै नमः
- ॐ कलकण्ठायै नमः
- ॐ कम्बुकण्ठायै नमः
- ॐ रम्भोरवे नमः
- ॐ गजगामिन्यै नमः
- ॐ रामार्पितमनसे नमः
- ॐ रामवन्दितायै नमः
- ॐ राम वल्लभायै नमः
- ॐ श्रीरामपद चिह्नाङ्गायै नमः
- ॐ राम रामेति भाषिण्यै नमः
- ॐ रामपर्यङ्कशयनायै नमः
- ॐ रामाङ्घ्रिक्षालिण्यै नमः
- ॐ वरायै नमः
- ॐ कामधेन्वन्नसन्तुष्टायै नमः
- ॐ मातुलिङ्गकराधृतायै नमः
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