Move to Jagran APP

Sundarkand Path Ke Niyam: सुंदरकांड का पाठ करते समय इन बातों का रखें विशेष ध्यान, कर्ज से मिलेगा छुटकारा

सनातन धर्म में मंगलवार के दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के परम भक्त हनुमान जी की उपासना की जाती है। साथ ही उनके निमित्त व्रत रखा जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से कुंडली में व्याप्त शनि दोष समेत अन्य दोषों से मुक्ति मिलती है। अगर आप भी बजरंगबली की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं तो इसके लिए मंगलवार के दिन सच्चे मन से सुंदरकांड का पाठ करें।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Published: Tue, 23 Apr 2024 11:26 AM (IST)Updated: Tue, 23 Apr 2024 11:26 AM (IST)
Sundarkand Path Ke Niyam: सुंदरकांड का पाठ करते समय इन बातों का रखें विशेष ध्यान, कर्ज से मिलेगा छुटकारा

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Sundarkand Path Ke Niyam: सनातन धर्म में सप्ताह के सभी दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित है। मंगलवार के दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के भक्त हनुमान जी की पूजा-अर्चना करने का विधान है। इस दिन लोग विधिपूर्वक बजरंगबली की पूजा करते हैं। साथ ही व्रत रखते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से कुंडली में व्याप्त शनि दोष समेत अन्य दोषों से मुक्ति मिलती है। साथ ही जीवन के संकटों से छुटकारा मिलता है। अगर आप भी बजरंगबली की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो इसके लिए मंगलवार के दिन सच्चे मन से सुंदरकांड का पाठ करें। माना जाता है कि ऐसा करने से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं। सुंदरकांड का पाठ करते समय कुछ नियमों को पालन करना आवश्यक होता है। कहा जाता है कि नियमों का पालन न करने से प्रभु रुष्ट हो सकते हैं। चलिए आपको बताते हैं सुंदरकांड पाठ से जुड़े नियमों के बारे में।

loksabha election banner

यह भी पढ़ें: Hanuman Janmotsav 2024: बजरंगबली की पूजा करते समय करें इन मंत्रों का जप, पूरी होगी मनचाही मुराद

सुंदरकांड पाठ के नियम (Sundarkand Path Ke Niyam)

  • अगर आप सुंदरकांड का पाठ करना चाहते हैं, तो इसके लिए मंगलवार और शनिवार का दिन शुभ माना जाता है। इसके अलावा आप हर दिन सुंदरकांड का पाठ कर सकते हैं।  
  • सुंदरकांड का पाठ करने से पहले आप स्नान अवश्य करें। इसके बाद साफ कपड़े धारण करें और हनुमान जी के सामने बैठकर विधिपूर्वक सुंदरकांड का पाठ करें।
  • अगर आप चाहे तो समूह में भी सुंदरकांड का पाठ कर सकते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, सुंदरकांड का पाठ 11, 21, 31, 41 दिन तक करना इंसान के जीवन के लिए शुभ माना जाता है।  
  • ब्रह्म मुहूर्त में सुंदरकांड का पाठ करना अधिक फलदायी माना जाता है।

सुंदरकांड पाठ के लाभ (Sundarkand Path Ke Labh)

मान्यता के अनुसार, सुंदरकांड का पाठ करने से साधक के अंदर सकारात्मक विचारों का संचार होता है और 21 दिनों तक लगातार सुंदरकांड का पाठ करने से मन का भय भी दूर होता है और हर क्षेत्र में सफलता मिलती है। साथ ही कर्ज की परेशानी से छुटकारा मिलता है।

यह भी पढ़ें: Hanuman Jayanti 2024: घर की इस दिशा में लगाएं हनुमान जी की तस्वीर, खुलेंगे उन्नति के मार्ग

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.