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    Guruwar Ke Niyam: गुरुवार के दिन क्यों नहीं किया जाता साबुन का उपयोग? जानिए इससे जुड़े नियम

    Updated: Thu, 06 Jun 2024 02:46 PM (IST)

    बृहस्पतिवार का दिन श्री हरि और देव गुरु बृहस्पति की पूजा के लिए समर्पित है। इस दिन का शास्त्रों में विशेष महत्व है। वहीं ज्योतिष शास्त्र में इस दिन को लेकर कई सारे नियम बताएं गए हैं जिनका विशेष ध्यान रखना चाहिए। ऐसा कहा जाता है जो लोग इन नियमों को अनदेखा करते हैं उन्हें आर्थिक मुश्किलों का सामना करना पड़ता है तो आइए उन नियमों को जानते हैं -

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    Guruwar Ke Niyam: गुरुवार के नियम -

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सप्ताह के हर एक दिन का अपना एक खास महत्व है। वहीं, सप्ताह के अलग-अलग दिन किसी न किसी ग्रह को समर्पित हैं। गुरुवार का दिन गुरु ग्रह की पूजा के लिए समर्पित है। इसे बृहस्पतिवार के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन को लेकर लोगों की कई सारी मान्यताएं हैं, जिनका पालन करना हर किसी के लिए जरूरी है, तो आइए गुरुवार के नियमों (Guruwar Ke Niyam) को जानते हैं, जिनका असर हमारे जिंदगी पर पड़ता है।

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    गुरुवार को क्यों नहीं लगाते हैं साबुन?

    देव गुरु बृहस्पति को ज्ञान का प्रतीक माना जाता है। उनकी पूजा में किसी भी प्रकार की तामसिक चीजों का उपयोग नहीं किया जाता है। गुरुवार के दिन बृहस्पति ग्रह की पूजा होती है। ऐसे में इस दिन सात्विकता का खास ख्याल रखने की सलाह दी जाती है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन साबुन-शैंपू आदि के प्रयोग से घर में दरिद्रता आती है और आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में इस दिन इन चीजों के उपयोग से बचना चाहिए।

    गुरुवार के नियम

    • इसके अलावा गुरुवार के दिन बाल-दाढ़ी, नाखून आदि कटवाने से बचना चाहिए।
    • गुरुवार के दिन केला का सेवन भी नहीं करना चाहिए।
    • इस दिन धन से जुड़ा हुआ लेन-देन नहीं करना चाहिए।
    • बृहस्पतिवार के दिन घर पर भूलकर भी पोछा नहीं लगाना चाहिए।
    • इस दिन तामसिक चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।
    • इस दिन कपड़े धोने के लिए सर्फ का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
    • इस दिन शरीर व बालों पर तेल नहीं लगाना चाहिए।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।