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    Pradosh Vrat 2025: गुरु प्रदोष व्रत पर राशि अनुसार करें इन मंत्रों का जप, आर्थिक तंगी से मिलेगी निजात

    सनातन धर्म में प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat 2025) का फल दिन अनुसार प्राप्त होता है। गुरुवार के दिन पड़ने के चलते यह गुरु प्रदोष व्रत कहलाएगा। गुरु प्रदोष व्रत करने से साधक को शत्रुओं से मुक्ति मिलती है। साथ ही सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। देवों के देव महादेव जलाभिषेक से जल्द प्रसन्न होते हैं। उनकी कृपा साधक पर बरसती है।

    By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Tue, 08 Apr 2025 11:46 PM (IST)
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    Pradosh Vrat 2025: भगवान शिव को कैसे प्रसन्न करें?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में त्रयोदशी तिथि का खास महत्व है। यह तिथि देवों के देव महादेव को समर्पित है। इस शुभ अवसर पर देवों के देव महादेव और जगत की देवी मां पार्वती की पूजा की जाती है। साथ ही मनचाहा वरदान पाने के लिए व्रत रखा जाता है। इस व्रत की महिमा शिव पुराण में वर्णित है।

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    धार्मिक मत है कि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने से साधक की हर एक मनोकामना पूरी होती है। साथ ही घर में सुख, समृद्धि एवं शांति आती है। मंदिरों में भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है। अगर आप भी शिव-शक्ति की कृपा के भागी बनना चाहते हैं, तो प्रदोष व्रत के दिन भक्ति भाव से महादेव की पूजा करें। साथ ही पूजा के समय राशि अनुसार इन मंत्रों का जप करें।

    यह भी पढ़ें: भगवान शिव की पूजा के समय करें इस स्तोत्र का पाठ, सभी संकटों से मिलेगी मुक्ति

    प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त (Pradosh Vrat Shubh Muhurat)

    चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 09 अप्रैल को सुबह 10 बजकर 55 मिनट पर होगी और 11 अप्रैल को देर रात 01 बजे समाप्त होगी। त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा की जाती है। वहीं, प्रदोष काल 10 अप्रैल को मान्य होगा। इसके लिए 10 अप्रैल को चैत्र माह के शुक्ल पक्ष का प्रदोष व्रत मनाया जाएगा।

    राशि अनुसार मंत्र जप

    • मेष राशि के जातक प्रदोष व्रत पर पूजा के समय 'ॐ महाकाल नमः और ऊँ श्री हंसाय नम:' मंत्र का जप करें।
    • वृषभ राशि के जातक फाल्गुन माह की त्रयोदशी तिथि पर 'ॐ चंद्रमोली नमः और ऊँ श्री प्रभवे नम:' मंत्र का जप करें।
    • मिथुन राशि के जातक भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए 'ॐ चंद्रधारी नमः और ऊँ श्री वामनाय नम:' मंत्र का जप करें।
    • कर्क राशि के जातक महादेव की कृपा पाने के लिए 'ॐ नंदराज नमः और ऊँ श्री श्रीपतये नम:' मंत्र का जप करें।
    • सिंह राशि के जातक भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए 'ॐ विषधारी नमः और ऊँ श्री सुरेशाय नम:' मंत्र का जप करें।
    • कन्या राशि के जातक मनचाहा वरदान पाने के लिए 'ॐ उमापति नमः और ऊँ श्री ईश्वराय नम:' मंत्र का जप करें।
    • तुला राशि के जातक गुरु प्रदोष व्रत पर पूजा के समय 'ॐ गणपिता नमः और ऊँ श्री धनुर्धराय नम:' मंत्र का जप करें।
    • वृश्चिक राशि के जातक भगवान शिव की कृपा पाने के लिए 'ॐ ओंकारेश्वर नमः और ऊँ श्री केश्वाय नम:' मंत्र का जप करें।
    • धनु राशि के जातक आर्थिक तंगी दूर करने के लिए 'ॐ त्रिपुरारी नमः और ऊँ श्री धनंजाय नम:' मंत्र का जप करें।
    • मकर राशि के जातक प्रदोष व्रत के दिन पूजा के समय 'ॐ केदारनाथ नमः और ऊँ श्री गोपतये नम:' मंत्र का जप करें।
    • कुंभ राशि के जातक शिव जी को प्रसन्न करने के लिए 'ॐ मंगलेश्वर नमः और ऊँ श्री कृष्णाय नम:' मंत्र का जप करें।
    • मीन राशि के जातक प्रदोष व्रत के दिन पूजा के समय 'ॐ रामेश्वर नमः और ऊँ श्री लक्ष्मीपतये नम:' मंत्र का जप करें।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।