Guru Nanak Jayanti 2025: जीवन जीने की नई राह दिखाते हैं गुरु नानक देव जी के ये अनमोल वचन
आज कार्तिक पूर्णिमा पर गुरु नानक जयंती (Guru Nanak Jayanti 2025) मनाई जा रही है। गुरु नानक देव जी का जन्म इसी दिन हुआ था। उनके विचार आज भी प्रासंगिक हैं, जिनमें 'एक ओंकार' (ईश्वर एक है), नाम जपना (ईश्वर का स्मरण), किरत करना (ईमानदारी से कर्म), वंड छकना (बांट कर खाना), और महिलाओं का सम्मान शामिल हैं। उन्होंने मानवता और एकता का संदेश दिया, जो जीवन में सफलता दिला सकता है।

Guru Nanak Jayanti 2025: गुरु नानक जयंती का धार्मिक महत्व
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, बुधवार 05 नवंबर यानी आज गुरु नानक जयंती है। यह पर्व हर साल कार्तिक पूर्णिमा पर मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर सुबह प्रभात फेरी निकाली गई थी। इसके साथ ही गुरूद्वारे में गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ किया जा रहा है। इसके अलावा, लंगर का भी आयोजन किया जा रहा है।

इतिहासकारों की मानें तो कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि पर गुरु नानक देव जी का जन्म हुआ था। इसके लिए हर साल कार्तिक पूर्णिमा पर गुरु नानक जयंती मनाई जाती है। इसे गुरुपर्व और प्रकाश उत्सव भी कहा जाता है।
गुरु नानक देव जी बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। उनके विचार आज भी प्रासंगिक हैं। गुरु नानक देव जी के विचारों को आत्मसात कर व्यक्ति विशेष अपने जीवन में सफल हो सकता है। आइए, गुरु नानक देव जी के सात प्रमुख अनमोल वचन जानते हैं-
एक ओंकार
गुरु नानक देव जी ने बताया है कि ईश्वर एक है। ईश्वर के सृष्टि निर्माता और सृष्टि के पालनहार हैं। सभी जीवों की उत्पत्ति परम पिता परमेश्वर से हुई है। उन्होंने निर्माण के समय किसी के मध्य कोई भेदभाव नहीं किया है। चिरकाल से ईश्वर सभी पर समान कृपा बरसा रहे हैं। इसके लिए उन्होंने 'एक ओंकार' शब्द दिया। इसका तात्पर्य सभी को एक सूत्र में बांधना है।
नाम जपना
"कलयुग केवल नाम अधारा,
सुमिर सुमिर नर उतरहिं पारा।"
गुरु नानक देव जी ने लोगों को ईश्वर की भक्ति करने की सलाह दी है। इस माध्यम से व्यक्ति विशेष परम पिता परमेश्वर को प्राप्त कर सकता है। इसके लिए उन्होंने ईश्वर स्मरण की बात कही है।
किरत करना- ईमानदारी से जीवन जिएं
गुरु नानक जी की मानें तो व्यक्ति को जीवन में कर्मशील रहना चाहिए क्योंकि कर्म ही पूजा है। हालांकि, कर्म ईमानदारी से करना चाहिए। उन्होंने कहा है कि परिश्रम से मिलने वाली चीजें परमात्मा प्रदत्त होती हैं। वहीं, बेईमानी से एकत्र की गई चीजें नष्ट हो जाती हैं। इसके लिए ईमानदारी से जीवन जिएं।
वंड छकना- बांट कर खाना
गुरु नानक देव जी ने सभी को एक दूसरे का सहारा बनने की सलाह दी है। इसके लिए लोगों में बांट कर खाने की भावना जागृत की। आगे कहते हैं कि जो व्यक्ति जरूरतमंदों के मध्य अन्न, जल और धन का दान करता है। उस व्यक्ति पर ईश्वर की कृपा बरसती है। गुरु नानक जी के विचार से लंगर प्रथा की शुरुआत हुई।
महिलाओं का सम्मान
गुरु नानक देव जी ने स्त्री सम्मान पर जोर दिया है। उन्होंने लोगों से स्त्री का सम्मान करने की सलाह दी है। उनका कहना था कि स्त्री से सृष्टि है। आसान शब्दों में कहें तो सृष्टि का आधार स्त्री है। इसके लिए स्त्री का सम्मान करें।
उदासियां
गुरु नानक देव जी ने लोगों को एक सूत्र में बांधने के लिए कई देशों की यात्राएं की। उन्होंने अपनी यात्रा के दौरान लोगों के मध्य एकता का संदेश दिया। उनकी यात्रा से मानव समाज को जीवन जीने का नया आधार मिला।
एकता की मिसाल
गुरु नानक देव जी ने सभी धर्मों को जोड़ने का प्रयास किया। उन्होंने इंसानियत पर जोर दिया। उनका कहना था कि मैं धर्म या जाति में नहीं बल्कि मानवता में विश्वास करता हूं। मैं दरिद्र नारायण का सेवक हूं। धर्म को साक्षी मानकर सत्य की राह पर चलने से ईश्वर को प्राप्त किया जा सकता है।
यह भी पढ़ें- Guru Nanak Jayanti 2025: गुरु नानकदेव जी के ये वचन बदल सकते हैं आपका जीवन, जरूर लें सीख
यह भी पढ़ें- Guru Nanak Jayanti 2025 Wishes: इन शानदार संदेशों से अपनों को भेजें गुरु नानक जयंती की शुभकामनाएं
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।