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    Gupt Navratri 2024: गुप्त नवरात्र की अष्टमी तिथि पर बन रहे हैं ये अद्भुत संयोग, पूजा करने से दूर होंगे सभी कष्ट

    गुप्त नवरात्र का पर्व अत्यंत पवित्र माना जाता है जो देवी दुर्गा की 10 महाविद्याओं को समर्पित है। यह व्रत उन लोगों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है जो तंत्र-मंत्र साधना करते हैं। इस दौरान भक्त नौ दिनों का उपवास रखते हैं और कठोर व्रत का पालन करते हैं तो आइए इस दिन से जड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं -

    By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Sun, 14 Jul 2024 10:50 AM (IST)
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    Gupt Navratri 2024:अष्टमी तिथि शुभ योग -

    धर्म डेस्क,नई दिल्ली। गुप्त नवरात्र साल में दो बार मनाई जाती है। इस व्रत का देवी दुर्गा के भक्तों के लिए विशेष महत्व है। मां का आशीर्वाद पाने के लिए यह अवधि बहुत ही सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, यह त्योहार आषाढ़ महीने में शुक्ल पक्ष के पहले दिन से नौवें दिन चंद्रमा के बढ़ते चरण तक चलता है। इस दौरान लोग माता दुर्गा की 10 महाविद्याओं की पूजा करते हैं।

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    आज इस महापर्व की अष्टमी तिथि मनाई जा रही है, जिसमें कई शुभ योग का निर्माण हो रहा है, तो चलिए जानते हैं -

    अष्टमी शुभ मुहूर्त

    हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 13 जुलाई को दोपहर 03 बजकर 05 मिनट पर शुरू हो चुकी है। वहीं, इस तिथि का समापन आज 14 जुलाई को शाम 05 बजकर 52 मिनट पर होगा। पंचांग को देखते हुए 14 जुलाई को आषाढ़ गुप्त नवरात्र की अष्टमी तिथि मनाई जा रही है।

    अष्टमी तिथि शुभ योग

    हिंदू पंचांग के अनुसार, मासिक दुर्गाष्टमी यानी 14 जुलाई को विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 45 मिनट से 03 बजकर 40 मिनट तक रहेगा। वहीं, अमृत काल मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 28 मिनट से 02 बजकर 17 मिनट तक रहेगा। इसके साथ ही अभिजित मुहूर्त सुबह 11 बजकर 59 मिनट से दोपहर 12 बजकर 54 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा रवि योग रात्रि 10 बजकर 06 मिनट से अगले दिन सुबह 05 बजकर 33 मिनट तक रहेगा।

    अष्टमी पूजन के लिए विशेष मंत्र

    1. ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।

    दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।

    2. या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता,

    नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

    3. या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता,

    नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।