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    इन 4 शुभ योग से होगी साल 2025 की शुरुआत, होगा लाभ ही लाभ

    Updated: Fri, 06 Dec 2024 12:34 PM (IST)

    साल 2025 की शुरुआत 01 जनवरी दिन बुधवार से हो रही है। यह दिन भगवान गणेश को समर्पित है। ऐसी मान्यता है कि बप्पा की पूजा करने से सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है। वहीं इस बार नए साल (New Year 2025) पर कई शुभ योग का निर्माण हो रहा है जो बहुत ही शुभ माने जा रहे हैं तो आइए उन योग के बारे में जानते हैं।

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    New Year 2025 Shubh Yog: इन शुभ योग से होगी 2025 की शुरुआत।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। 1 जनवरी से साल 2025 की शुरुआत हो जाएगी, जो हर किसी के जीवन में नया उत्साह और नई उम्मीदें लेकर आएगा। ज्योतिष दृष्टि से 2025 हर किसी के लिए अत्‍यंत शुभ माना जा रहा है। ऐसा कहा जा रहा है कि इस साल व्यक्ति को उसके कर्म के अनुसार, फल प्राप्त होगा। इस बार 01 जनवरी (New Year 2025) को बुधवार पड़ रहा है।

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    यह दिन भगवान गणेश को समर्पित है, जो सभी देवताओं में प्रथम पूज्य हैं। ऐसे में यह वर्ष हर किसी के लिए मंगलकारी सिद्ध होने वाला है, तो आइए जानते हैं कि इस बार नए साल की शुरुआत किन शुभ योग (Grah Gochar 2025) से हो रही है?

    इन शुभ योग से होगी 2025 की शुरुआत (New Year 2025 Shubh Yog)

    हिंदू पंचांग के अनुसार, 1 जनवरी से साल 2025 को हर्षण योग, शिववास योग, बालव और कौलव योग का शुभ संयोग बन रहा है। वहीं, इस दिन अमृत काल शाम 05 बजकर 27 मिनट से रात्रि 07 बजकर 01 मिनट रहेगा। इसके साथ ही विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 08 मिनट से 02 बजकर 50 मिनट रहेगा।

    ज्योतिष शास्त्र (Astrology Tips For 2025) में इन सभी योग को बहुत ही शुभ माना जाता है। कहते हैं कि इस दौरान किए गए कार्यों में कभी असफलता प्राप्त नहीं होती है।

    ऐसे करें भगवान गणेश की पूजा ( Lord Ganesha Puja Vidhi)

    प्रात: उठकर स्नान करें और पीले रंग के वस्त्र धारण करें। एक चौकी पर गणेश भगवान की प्रतिमा स्थापित करें। गंगाजल से उनका अभिषेक करें। सिंदूर का तिलक लगाएं और उन्हें लाल फूलों की माला अर्पित करें। मोदक व घर पर बनी मिठाई का भोग लगाएं। देसी घी का दीपक जलाएं। बप्पा के वैदिक मंत्रों का जाप करें। फिर उनका ध्यान करें और विधिपूर्ण पूजा करें। आरती से पूजा को समाप्त करें।

    शाम को चंद्रमा को अर्घ्य दें। इसके बाद बप्पा को चढ़ाए गए भोग को परिवार व अन्य सदस्यों में बांटें। इसके अलावा गणेश पूजन में तुलसी पत्र का उपयोग गलती से भी न करें।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।