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    Gopashtami 2024: गोपाष्टमी पर भूलकर भी न करें ये गलतियां, जानिए इसका धार्मिक महत्व

    Updated: Sat, 09 Nov 2024 09:39 AM (IST)

    हिंदू धर्म में गोपाष्टमी त्योहार को बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन (Gopashtami 2024) भगवान कृष्ण और गौ माता की पूजा होती है। वैदिक पंचांग के अनुसार यह पर्व हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन गौ माता की पूजा (Gopashtami 2024 Puja Vidhi) करने से साधक का कल्याण होता है।

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    Gopashtami 2024: गोपाष्टमी पर भूलकर भी न करें ये गलतियां।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। गोपाष्टमी एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो मुख्य रूप से मथुरा और वृंदावन सहित सभी ब्रज क्षेत्रों में भक्ति भाव के साथ मनाया जाता है। यह दिन भगवान कृष्ण और गौ माता की पूजा के लिए समर्पित है। इस साल यह पर्व दिन शनिवार 09 नवंबर, 2024 यानी आज मनाया जा रहा है। पंचांग के अनुसार, यह त्योहार हर साल कार्तिक शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन (Gopashtami 2024) कठिन व्रत का पालन करने से जीवन में समृद्धि आती है। साथ ही साधक का कल्याण होता है, तो चलिए इस दिन का धार्मिक महत्व जानते हैं, जो इस प्रकार हैं।

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    गोपाष्टमी पर रखें इन बातों का ध्यान (Gopashtami Par Kya Na Karen)

    इस दिन सुबह जल्दी उठें। इस दिन तामसिक चीजों से परहेज करें। इस दिन बछड़ों और गायों का भूलकर भी अपमान न करें। गाय और बछड़ों का तिलक करें और उन्हें हर चारा खिलाएं। भगवान श्रीकृष्ण की भी पूजा करें। गाय को रोटी गुड़, फल और मिठाई आदि चीजें खिलाएं।

    इस दिन श्रीकृष्ण और गौ माता से आशीर्वाद लें। इस मौके पर दान-पुण्य अवश्य करें। इस दिन किसी से विवाद करने से बचें। इस पावन दिन पर तामसिक भोजन ग्रहण न करें।

    गोपाष्टमी का धार्मिक महत्व (Gopashtami Significance)

    सनातन धर्म में गोपाष्टमी पर्व का विशेष महत्व है। यह दिन ब्रज, गोकुल, मथुरा, वृन्दावन, द्वारकाधीश और पुरी में अत्यंत श्रद्धा और समर्पण के साथ मनाया जाता है। इस शुभ दिन पर भक्त श्री हरि विष्णु के आठवें अवतार भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं।

    ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान कृष्ण और विष्णु जी की पूजा करने से जीवन में शांति, सुख और समृद्धि आती है। वहीं, लोग इस पवित्र दिन पर गायों और बछड़ों को घंटियों और रंगीन कपड़ों से सजाते हैं और उनकी सेवा करते हैं।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।