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    Gopashtami 2023: गोपाष्टमी के पर्व पर करें श्री गौ अष्टोत्तर नामावली का जाप, भगवान कृष्ण की मिलेगी विशेष कृपा

    By Vaishnavi DwivediEdited By: Vaishnavi Dwivedi
    Updated: Mon, 20 Nov 2023 11:28 AM (IST)

    Gopashtami 2023 गोपाष्टमी का पर्व सनातन धर्म में बेहद खास माना गया है। अगर आप श्री कृष्ण की विशेष कृपा चाहते हैं तो इस विशेष दिन पर गौ माता (Gopashtami) की पूजा करें। साथ ही उनके 108 नामों का जाप करें जो बेहद फलदायी माने गए हैं जो भक्त ऐसा करते हैं उनके घर पर बरकत हमेशा बनी रहती है।

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    गौ पूजन से प्रसन्न होते हैं भगवान कृष्ण।

     धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Gopashtami 2023: गोपाष्टमी पर्व का हिंदू धर्म में बेहद खास महत्व है। इसे हर साल कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस शुभ दिन पर भगवान कृष्ण और गौ माता की पूजा का विधान है। इस वर्ष गोपाष्टमी 20 नवंबर यानी आज है। श्री कृष्ण को गौ माता अति प्रिया हैं। ऐसे में अगर आप भगवान कृष्ण की विशेष कृपा चाहते हैं, तो इस शुभ दिन पर गौ माता को हरा चारा खिलाएं और उनकी पूजा करें।

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    साथ ही नंदनी (गाय माता) के 108 नामों का जाप करें, जो बेहद फलदायी माने गए हैं, जो साधक ऐसा करते हैं उनके घर पर बरकत हमेशा बनी रहती है।

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    ''श्री गौ अष्टोत्तर नामावली''

    • ॐ कपिला नमः
    • ॐ गौतमी नमः
    • ॐ सुरभी नमः
    • ॐ गौमती नमः
    • ॐ नंदनी नमः
    • ॐ श्यामा नमः
    • ॐ वैष्णवी नमः
    • ॐ मंगला नमः
    • ॐ सर्वदेव वासिनी नमः
    • ॐ महादेवी नमः
    • ॐ सिंधु अवतरणी नमः
    • ॐ सरस्वती नमः
    • ॐ त्रिवेणी नमः
    • ॐ लक्ष्मी नमः
    • ॐ गौरी नमः
    • ॐ वैदेही नमः
    • ॐ अन्नपूर्णा नमः
    • ॐ कौशल्या नमः
    • ॐ देवकी नमः
    • ॐ गोपालिनी नमः
    • ॐ कामधेनु नमः
    • ॐ आदिति नमः
    • ॐ माहेश्वरी नमः
    • ॐ गोदावरी नमः
    • ॐ जगदम्बा नमः
    • ॐ वैजयंती नमः
    • ॐ रेवती नमः
    • ॐ सती नमः
    • ॐ भारती नमः
    • ॐ त्रिविद्या नमः
    • ॐ गंगा नमः
    • ॐ यमुना नमः
    • ॐ कृष्णा नमः
    • ॐ राधा नमः
    • ॐ मोक्षदा नमः
    • ॐ उतरा नमः
    • ॐ अवधा नमः
    • ॐ ब्रजेश्वरी नमः
    • ॐ गोपेश्वरी नमः
    • ॐ कल्याणी नमः
    • ॐ करुणा नमः
    • ॐ विजया नमः
    • ॐ ज्ञानेश्वरी नमः
    • ॐ कालिंदी नमः
    • ॐ प्रकृति नमः
    • ॐ अरुंधति नमः
    • ॐ वृंदा नमः
    • ॐ गिरिजा नमः
    • ॐ मनहोरणी नमः
    • ॐ संध्या नमः
    • ॐ ललिता नमः
    • ॐ रश्मि नमः
    • ॐ ज्वाला नमः
    • ॐ तुलसी नमः
    • ॐ मल्लिका नमः
    • ॐ कमला नमः
    • ॐ योगेश्वरी नमः
    • ॐ नारायणी नमः
    • ॐ शिवा नमः
    • ॐ गीता नमः
    • ॐ नवनीता नमः
    • ॐ अमृता अमरो नमः
    • ॐ स्वाहा नमः
    • ॐ धंनजया नमः
    • ॐ ओमकारेश्वरी नमः
    • ॐ सिद्धिश्वरी नमः
    • ॐ निधि नमः
    • ॐ ऋद्धिश्वरी नमः
    • ॐ रोहिणी नमः
    • ॐ दुर्गा नमः
    • ॐ दूर्वा नमः
    • ॐ शुभमा नमः
    • ॐ रमा नमः
    • ॐ मोहनेश्वरी नमः
    • ॐ पवित्रा नमः
    • ॐ शताक्षी नमः
    • ॐ परिक्रमा नमः
    • ॐ पितरेश्वरी नमः
    • ॐ हरसिद्धि नमः
    • ॐ मणि नमः
    • ॐ अंजना नमः
    • ॐ धरणी नमः
    • ॐ विंध्या नमः
    • ॐ नवधा नमः
    • ॐ वारुणी नमः
    • ॐ सुवर्णा नमः
    • ॐ रजता नमः
    • ॐ यशस्वनि नमः
    • ॐ देवेश्वरी नमः
    • ॐ ऋषभा नमः
    • ॐ पावनी नमः
    • ॐ सुप्रभा नमः
    • ॐ वागेश्वरी नमः
    • ॐ मनसा नमः
    • ॐ शाण्डिली नमः
    • ॐ वेणी नमः
    • ॐ गरुडा नमः
    • ॐ त्रिकुटा नमः
    • ॐ औषधा नमः
    • ॐ कालांगि नमः
    • ॐ शीतला नमः
    • ॐ गायत्री नमः
    • ॐ कश्यपा नमः
    • ॐ कृतिका नमः
    • ॐ पूर्णा नमः
    • ॐ तृप्ता नमः
    • ॐ भक्ति नमः
    • ॐ त्वरिता नमः

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