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    Geeta Jayanti 2024: गीता जयंती पर इन कामों को करने से होगा फायदा, भूलकर भी न करें ये गलतियां

    Updated: Tue, 10 Dec 2024 03:30 PM (IST)

    हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर गीता जयंती का पर्व मनाया जाता है। ऐसे में इस साल यह पर्व बुधवार 11 दिसंबर को मनाया जाएगा। गीता जयंती को श्रीमद भगवद गीता के जन्म के प्रतीक के रूप में भी देखा जाता है क्योंकि इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने युद्ध भूमि में अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था।

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    Geeta Jayanti 2024 गीता जयंती पर क्या करें क्या नहीं?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। भगवत गीता, हिंदू धर्म के प्रमुख ग्रंथों में शामिल है, जिसे बहुत ही पवित्र माना जाता है। साथ ही यह आज के समय में सबसे ज्यादा पढ़े जाने वाले ग्रंथों में से भी एक है। जिसकी लोकप्रियता केवल भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी बढ़ रही है। गीता में मानव मात्र की भलाई के लिए कई बातें बताई गई हैं। ऐसे में चलिए जानते हैं कि गीता जयंती (Geeta Jayanti 2024) पर क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए।

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    गीता जयंती शुभ मुहूर्त

    मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 11 दिसंबर को मध्य रात्रि 03 बजकर 42 मिनट पर हो रही है। वहीं इस तिथि का समापन 12 दिसंबर को देर रात 01 बजकर 09 मिनट पर होने जा रहा है। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, गीता जयंती बुधवार, 11 दिसंबर को मनाई जाएगी।

    गीता जयंती पर करें ये काम (Geeta Jayanti Par Kya Karain)

    • गीता जयंती के दिन श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ जरूर करना चाहिए। ऐसा करना बहुत ही पुण्यदायी कार्य माना जाता है।
    • इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की विधि-विधान पूर्वक पूजा भी करनी चाहिए।
    • गीता जयंती के दिन मोक्षदा एकादशी भी मनाई जाती है। ऐसे में आप इस दिन व्रत भी रख सकते हैं।
    • गीता जयंती के दिन केवल सात्विक भोजन ही ग्रहण करें।ॉ

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    भूल से भी न करें ये कार्य (Geeta Jayanti Do's And Don'ts)

    • गीता जयंती के दिन तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए। साथ ही मास-मदिरा आदि से भी दूर रहना चाहिए।
    • इस दिन मन में नकारात्मक विचार नहीं लाने चाहिए।
    • गीता जयंती एकादशी तिथि पर मनाई जाती है, इसलिए इस दिन तुलसी में जल अर्पित न करें और न ही तुलसी के पत्ते उतारें।
    • गीता जयंती और अन्य किसी भी दिन श्रीमद्भगवद्गीता को जमीन पर न रखें। इसे हमेशा चौकी या स्टैंड पर रखना चाहिए।
    • बिना स्नान किए या फिर गंदे हाथों से श्रीमद्भगवद्गीता को न छूएं।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।