Geeta Jayanti 2023: इस विशेष दिन भगवद गीता के पाठ से दूर होगी जीवन की नकारात्मकता
Geeta Jayanti 2023 इस साल गीता जयंती 22 दिसंबर 2023 को मनाई जाएगी। ऐसा कहा जाता है जो जातक इस विशेष दिन पर भगवद गीता का पाठ (Bhagwat Geeta Ka Path) करते हैं उनके जीवन में सकारात्मकता का संचार होता है। ऐसे में आज हम गीता के कुछ श्लोक यहां साझा करेंगे जिससे आपको जीवन जीने का सार मिलेगा। तो आइए पढ़ते हैं -
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Geeta Jayanti 2023: महाभारत काल में कुरुक्षेत्र के युद्ध में भगवद गीता का जन्म हुआ था। इस अद्भुत और शक्तिशाली ज्ञान को उत्पन्न करने वाला कोई और नहीं भगवान श्री कृष्ण हैं, यही मात्र एक ऐसा ग्रंथ है, जिसकी जयंती मनाई जाती है। इस साल गीता जयंती 22 दिसंबर 2023 को मनाई जाएगी।
कहा जाता है, जो जातक इस विशेष दिन पर गीता का पाठ करते हैं, उनके जीवन में सकारात्मकता का संचार होता है। ऐसे में आज हम गीता के कुछ श्लोक यहां साझा करेंगे, जिससे आपको जीवन जीने का सार मिलेगा।
गीता उपदेश
- नरक के तीन द्वार हैं - काम, क्रोध और लालच। इन तीनो का त्याग करें..!!
- वह व्यक्ति मुझे प्रिय है जो न सुख के पीछे भागता है, न दुःख से दूर भागता है, न शोक करता है, न वासना करता है, बल्कि चीजों को वैसे ही आने और जाने देता है..!!
- शांति, नम्रता, मौन, आत्म-संयम और पवित्रता ये मन के अनुशासन हैं..!!
- सच्चे बुद्धिमान लोग न तो जीवित लोगों के लिए शोक मनाते हैं, न ही उनके लिए जो मर चुके हैं..!!
- इंसान अपने विश्वास से बनता है, जो जैसा मानता है, वैसा ही होता है..!!
- मन ही मनुष्य का मित्र भी होता है और शत्रु भी..!!
- जो जन्मा है उसके लिए मृत्यु उतनी ही निश्चित है, जितना कि जो मर चुका है उसके लिए जन्म लेना निश्चित है। इसलिए जो जा चुका है उसके लिए शोक मत करो..!!
- जो मनुष्य कर्म में अकर्म और अकर्म में कर्म देखता है, वह मनुष्यों में बुद्धिमान है..!!
- गीता में कृष्ण अर्जुन से कहते हैं, मैं शुद्ध जल का स्वाद और सूर्य और चंद्रमा की चमक हूं। मैं पवित्र शब्द और हवा में सुनाई देने वाली ध्वनि और मनुष्यों का साहस हूं। मैं मधुर सुगंध हूं। पृथ्वी और अग्नि की चमक हूं, मैं हर प्राणी में जीवन हूं और आध्यात्मिक साधक का प्रयास हूं..!!
- जब मनुष्य इन्द्रियों के सुख पर ध्यान केन्द्रित करता है, तो उसके अन्दर उनके प्रति आकर्षण उत्पन्न हो जाता है। आकर्षण से इच्छा उत्पन्न होती है, कब्जे की लालसा, और यह जुनून, क्रोध की ओर ले जाती है। जुनून से मन की उलझन, फिर याददाश्त की हानि, कर्तव्य की विस्मृति होती है। इस हानि से तर्क का विनाश होता है, और तर्क का विनाश मनुष्य को विनाश की ओर ले जाता है..!!
इन मंत्रों से करें गीता जयंती पर भगवान कृष्ण की पूजा
हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे
हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे
ऊँ नमो भगवते श्रीगोविन्दाय नम
ऊं क्लीं कृष्णाय वासुदेवाय हरि परमात्मने प्रणतः क्लेश्नाशय गोविदाय नमो नमः
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