Gau Mata: गौ माता को भूलकर भी न खिलाएं ये चीजें, वरना लग सकता है भारी दोष
हिंदू धर्म में सदियों से गाय को पहली रोटी खिलाने की परम्परा चली आ रही है। इससे देवी-देवताओं का आशीर्वाद साधक पर बना रहता है। लेकिन आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि गाय को कौन-सी चीजें नहीं खिलानी चाहिए वरना इससे उनकी सेहत पर असर पड़ता है और आपको दोष भी लग सकता है। चलिए जानते हैं इस बारे में।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म गाय (Gau mata seva) को किसी देवी के समान ही दर्जा दिया गया है और बहुत पवित्र माना गया है। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, गाय की सेवा और पूजा करने से साधक को पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही शास्त्रों में वर्णित है कि गाय में सभी देवी-देवताओं का वास है।
लग सकता है दोष
गाय को कभी भी लहसुन, प्याज आदि नहीं खिलाना चाहिए। इसी के साथ ऐसी चीजें भी न खिलाएं जिसमें लहसुन, प्याज का इस्तेमाल किया गया हो। यह गाय के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसी के साथ अधिक मिर्च-मसाले वाली चीजें भी गाय की सेहत के लिए नुकसानदायक मानी जाती हैं। ऐसा होने पर आपको दोष लग सकता है।
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ये चीजें भी हैं नुकसानदायक
गौ माता को कभी भी बासी भोजन भी नहीं खिलाना चाहिए। ऐसा करना देवी-देवताओं का अपमान समझा जाता है और वह आपसे नाराज हो सकते हैं। इसी के साथ गाय को कभी भी झूठा खाना भी न खिलाएं, वरना व्यक्ति को दोष का सामना भी करना पड़ सकता है।
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इस बात का रखें खास ख्याल
गाय एक शाकाहारी पशु है। ऐसे में इस बात का खास ख्याल रखें कि आप जो भी गौ माता को खिला रहे हैं, वह पूर्ण रूप से शाकाहारी होना चाहिए, अन्यथा आप पाप के भागीदार बना सकते हैं।
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क्या खिलाना है शुभ
हमेशा रोटी बनाते समय पहली रोटी गाय के लिए जरूर निकालें। गाय को रोटी के साथ गुड़ खिलाना भी काफी शुभ माना जाता है। ऐसा करने से समस्त देवी-देवता प्रसन्न होते हैं, जिससे साधक को धन-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। इसी के साथ आप गाय को हरा चारा खिलाने से जातक के करियर में सफलता के योग बनते हैं।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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