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    Garuda Purana: मृत्यु के दौरान इस अंग से निकलते हैं व्यक्ति के प्राण, जानिए क्या कहता है गरुड़ पुराण

    By Suman SainiEdited By: Suman Saini
    Updated: Tue, 05 Dec 2023 06:18 PM (IST)

    Garud Purana गरुड़ पुराण मृत्यु और उसके बाद की स्थिति पर आधारित पुराण हैं। इसमें यह भी बताया गया है कि व्यक्ति के किस तरह के कर्मों के कारण उसे क्या-क्या भोगना पड़ता है। अपनी मृत्यु को लेकर व्यक्ति हमेशा जिज्ञासु रहता है। गरुड़ पुराण में यह बताया गया है कि मृत्यु के समय किस व्यक्ति के प्राण कहां से निकलते हैं।

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    Garuda Purana: मृत्यु के दौरान किस अंग से निकलते हैं व्यक्ति के प्राण।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Garuda Purana in Hindi: गरुण पुराण, हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण ग्रंथों में से एक है। भगवान विष्णु और उनके भक्तों के बीच वार्तालाप से इसमें मृत्यु से पहले और बात की स्थिति के बारे में बताया गया है। मृत्यु एक ऐसा सत्य है जो कोई भी व्यक्ति नहीं झुठला सकता। जिस भी व्यक्ति ने पृथ्वी पर जन्म लिया उसकी मृत्यु भी तय है। ऐसे में आइए जानते हैं कि गरुड़ पुराण में मृत्यु को लेकर क्या कहा गया है।

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    ये होते हैं नौ द्वार

    गरुड़ पुराण में बताया गया है कि शरीर के नौ द्वार होते हैं जो इस प्रकार हैं - दोनों आंखें, दोन कान, मुख, नाक  और उत्सर्जन अंग। जिसमें से किसी एक द्वारा से मृत्यु के दौरान व्यक्ति के प्राण निकलते हैं। साथ ही गरुड़ पुराण में यह भी बताया गया है कि अलग-अलग स्थितियों में प्राण अलग-अलग द्वार से निकलते हैं।

    यह माना जाता है शुभ

    जो भी व्यक्ति अपने कर्तव्य को पूरी निष्ठा से निभाता है या फिर जिसने अपना पूरा जीवन भक्ति में लीन कर दिया है, उसके प्राण नाक से निकलते हैं। ऐसे में नाक से प्राण निकालना बहुत ही शुभ माना जाता है। जो व्यक्ति जीवन में धर्म के मार्ग पर चला हो उस व्यक्ति के प्राण मुख से निकलते हैं। इसलिए मुख से प्राण निकलना भी शुभ माना जाता है।

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    इस तरह से प्राण निकलना

    जो व्यक्ति जीने की अधिक इच्छा रखता है और जिसे अपने परिवार से बहुत अधिक लगाव होता है, ऐसे व्यक्ति के प्राण आंखों से निकलते हैं। वहीं, जिस व्यक्ति ने अपना पूरा जीवन केवल धन-दौलत कमाने में लगा दिया हो, उस व्यक्ति के प्राण उत्सर्जन अंग यानी मल और मूत्र के द्वारा से निकलते हैं। इसे शुभ नहीं माना जाता।

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    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'